ऊन्होंने कहा, क्या आप अल्लाह, गॉड या रब नहीं कहते? इसमें क्या फर्क है। सभी को योग करना चाहिए। सलमा अंसारी की यह टिप्पणी तब आई है जब इस देश का एक वर्ग 21 जून को योग दिवस के दौरान ॐ के उच्चारण का विरोध कर रहा है। सलमा ने कहा कि मैं भी योग करती हूं, योग से ताजगी बने रहती है। योग से मुझ्ो बीमारी से उबरने में मदद मिली है। योग नहीं किया होता तो मेरी हड़डी टूट जाती। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक योग प्रक्रिया है। इसमें इतना बवाल नही होना चाहिए। अाज चीजों को ताेड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी की चेयरमैन सलमा अंसारी ने अलीगढ़ एएमयू राइडिंग ग्राउंड के समीप स्थित अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित स्कूलों के बच्चों को सम्मानित करने आईं थीं। इस मौके पर उन्होंने कराटे में प्रदेश स्तर पर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतने वाली ट्रस्ट की बच्चियों मोहसिना, अरिशा, अनम, कविता, मेहरूनिशां एवं मुजतरा आदि को सम्मानित किया। सम्मानित बच्चियां बेहद गरीब परिवार की हैं और अलनूर चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा संचालित किला स्कूल एवं चाचा नेहरू स्कूल में पढ़ती हैं।
सलमा अंसारी बोलीं, योग से उन्हें हुआ फायदा, नहीं तो टूट जाती बोन
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी का कहना है कि ॐ के उच्चारण से काफी ऑक्सीजन मिलती है। जो स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सलमा ने कहा कि योग का विरोध करना पूरी तरह से गलत है।
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