स्वास्थ्य राज्यमंतत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि किराए की कोख का वाणिज्यिक स्वरूप बच्चों के शोषण का भी साधन बन गया है खासकर तब जब उन्हें (लावारिस) छोड़ दिया जाता है। पटेल ने एनडीटीवी से कहा, हम कहना चाहते हैं कि किराए का कोख अंतिम विकल्प है और हम किराए की कोख के वाणिज्यिक स्वरूप को बढ़ावा नहीं देने जा रहे। उन्होंने किराए की कोख (विनियमन) अधिनियम, 2016 का भी जिक्र किया।
सेरोगेसीः दो अरब डालर का अवैध धंधा
सरकार ने आज कहा कि किराए की कोख (सरोगेसी) का वाणिज्यिक स्वरूप दो अरब डालर का अवैध धंधा और कमजोर महिलाओं के शोषण का साधन बन गया है जिसपर रोक लगाते हुए उसने (सरकार ने) भारत में महिलाओं को बच्चे पैदा करने वाली फैक्ट्री नहीं बनने देने की ठान ली है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement