जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने के बाद देशभर के अलग-अलग हिस्सों से कश्मीरी छात्रों पर हमले का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कश्मीरी छात्रों पर हमले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने याचिका दायर कर कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल यानी शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। 14 फरवरी को हुए इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
आतंकी संगठन जैश का सदस्य थाआत्मघाती हमलावर
जवानों पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर का नाम आदिल अहमद डार था, जो कश्मीर का ही रहने वाला था। वह आतंकी संगठन जैश का सदस्य था। इस हमले के बाद देशभर में सोशल मीडिया पर कई भड़काऊ पोस्ट भी किए गए।
‘इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है’
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने गुरुवार को वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्वेज की इस बात पर ध्यान दिया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि यह छात्रों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
पीठ ने शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया
पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया, लेकिन इस पर विचार के लिए इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध करने का भरोसा दिलाया। याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद कश्मीर घाटी के छात्रों पर देशभर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में हमला किया जा रहा है और संबंधित प्राधिकारियों को इस प्रकार के हमले रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए।
हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को जारी की थी गाइडलाइन
दरअसल, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को गाइडलाइन जारी की थी। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कश्मीरी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा था। कश्मीरियों पर हमले की खबरें सामने आने के बाद कश्मीर में बंद का ऐलान किया गया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों और छात्रों को धमकी और परेशान करने की रिपोर्ट्स सामने आई हैं।
ऐसे में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि उनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं। वहीं, जम्मू में दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई थी। शहर में तीसरे दिन लगातार कर्फ्यू लगा हुआ था।
पीएम मोदी की चुप्पी पर उमर अब्दुल्ला ने उठाया सवाल
वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने पुलवामा हमले के बाद देश के कुछ हिस्सों में कश्मीरियों के खिलाफ हो रही हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया।
उन्होंने ट्वीट कर पूछा कि प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साहब क्या हम कश्मीरी छात्रों और अन्य को टारगेट कर किए जा रहे सुनियोजित हमलों की निंदा के कुछ शब्द सुनेंगे या आपकी चिंता कश्मीर तक विस्तारित नहीं होती है। वे सोशल मीडिया पर वायरल हुए उस वीडियो पर टिप्पणी कर रहे थे जिनमें एक कश्मीरी की कोलकाता में पिटाई होते दिखाया गया है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोलकाता में एक कश्मीरी युवक की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मैं डेरेक ओ ब्रायन और ममता बनर्जी के साथ इस मामले में संपर्क में हूं। दोषियों की पहचान कर ली गई है और कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। जिस युवक की पिटाई हुई थी उससे प्रशासन ने संपर्क किया है और वे उसकी देखभाल कर रहे हैं।