कंसोर्टियम ने उच्चतम न्यायालय से यह भी अपील की कि वह देश में माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करे ताकि यह प्रमाणित हो कि वह बकाया भुगतान के संबंध में गंभीर हैं। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और आर एफ नरीमन की पीठ ने माल्या और उनकी कंपनियों को 21 अप्रैल तक अपना जवाब सौंपने के लिए कहा जिसमें यह संकेत हो कि अपनी प्रामाणिकता साबित करने के लिए वह कितनी राशि उच्चतम न्यायालय में जमा कर सकते हैं।
माल्या ने समझौता पेशकश के तहत 4,000 करोड़ रुपये और 2,000 रुपये के अतिरिक्त भुगतान का प्रस्ताव रखा था। लेकिन बैंक किंगिफिशर एयरलाइंस को दिए गए कर्ज के बकाये के रूप में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक चाहते हैं। पीठ ने 20 मिनट की संक्षिप्त सुनवाई के बाद अगली तारीख 26 अप्रैल तय की।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    