Advertisement

विसनगर दंगे मामले में हार्दिक पटेल की याचिका पर तत्‍काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

  हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए गुजरात के नेता हार्दिक पटेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द...
विसनगर दंगे मामले में हार्दिक पटेल की याचिका पर तत्‍काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

 

हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए गुजरात के नेता हार्दिक पटेल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। हार्दिक ने विसनगर दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग थी। गुजरात में नामांकन की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है। ऐसे में हार्दिक शायद ही इस साल चुनाव लड़ पाएं। पटेल ने 12 मार्च को कांग्रेस का दामन थामा था और जामनगर से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी थीं। गुजरात की 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होगा।

 

हार्दिक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। हार्दिक की ओर से पेश वकील ने कहा कि नामांकन की आखिरी तारीख 4 अप्रैल ही है, उसी दिन मामला सुनवाई के लिए लगा है। कई बार मामला लिस्ट से डिलीट हो जाता है।

पटेल ने सोमवार को खटखटाया था सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गुजरात की निचली अदालत ने 2015 के मेहसाणा दंगे में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी जिसे गुजरात हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। इसके बाद वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य साबित हो गए। हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के लिए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से गुहार लगाई है।

हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उनकी सजा को निलंबित रखा जाए। साथ ही अपील की है कि अदालत उनकी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करे क्योंकि नामांकन भरने की तारीख 4 अप्रैल है।

चुनाव लड़ने पर संकट

जन प्रतिनिधित्व कानून और सुप्रीम कोर्ट की व्यवस्था के तहत दो साल या अधिक वर्षों की जेल की सजा काट रहा व्यक्ति दोषसिद्धि पर रोक लगने तक चुनाव नहीं लड़ सकता। हार्दिक को उच्चतम न्यायालय से राहत नहीं मिलती है तो वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। यह कांग्रेस के लिए एक झटका होगा क्योंकि हाल ही में वह कांग्रेस में शामिल हुए हैं और जामनगर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। गुजरात में नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख चार अप्रैल है।

क्या है मामला

पिछले साल जुलाई में मेहसाणा जिले के विसनगर में सत्र अदालत ने पटेल को दो साल जेल की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हार्दिक पटेल ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सजा से राहत दी जाए। लेकिन न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

पिछले साल जुलाई में गुजरात की एक अदालत ने मेहसाणा के भाजपा विधायक के दफ्तर पर हमला करने के आरोप में हार्दिक पटेल और उनके दो अन्य साथियों को दोषी ठहराते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन्हें 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad