गोरक्षा के नाम पर हो रही हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा है कि उनको गौ सेवा के नाम पर संगठनों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि वे लोग कानून को अपने हाथ में ना ले सकें।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने भी हर राज्य सरकार के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए किए गए कार्यों का विवरण दे। न्यायमूर्ति अमितवा रॉय और ए एम खानविलकर की पीठ ने केंद्र सरकार से कहा कि वह (केंद्र सरकार) कानून और व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर सभी राज्य सरकारों को संविधान की धारा 256 के तहत निर्देश जारी कर सकती है। तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनवाला ने इस मुद्दे पर याचिका दायर की थी।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से गोरक्षा के नाम पर कई जगह हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिनमें कई लोगों की तो मौत भी हो गई। इससे पहेल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गौ रक्षकों को कानून हाथ में ना लेने नसीहत दे चुके हैं।