देश में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि वह अगली सुनवाई तक कोई कार्रवाई ना करे और ना ही रोहिंग्या को वापस भेजे। अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
#Rohingya case: Supreme Court grants more time to all the parties to argue and posted the matter for further hearing on November 21 pic.twitter.com/whIvytlZxO
— ANI (@ANI) 13 October 2017
Supreme Court observed that no #Rohingya refugees should be deported until the next date of hearing in the case.
— ANI (@ANI) 13 October 2017
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हमें एक संतुलन बनाना होगा यह एक साधारण मामला नहीं है इस मुद्दे में कई लोगों के मानवाधिकार भी शामिल हैं।" कोर्ट ने कहा कि देश की सुरक्षा, आर्थिक हितों की रक्षा जरूरी है। लेकिन इसे मानवता के आधार से भी देखना चाहिए। हमारा संविधान मानवता के आधार पर बना है।
#Rohingya case: Supreme Court said, 'We have to strike a balance. It is not an ordinary case. The issue involves human rights of many."
— ANI (@ANI) 13 October 2017
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा सहित तीन जजों की बेंच रोहिंग्या शरणार्थियों की याचिका पर सुनवाई कर रही है।