राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज चंडीगढ़ में उद्योग मंडल सीआईआई के एग्रोटेक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए ये बाततें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत इस समय दूसरी हरित क्रांति की दहलीज पर खड़ा है इसलिए देश को आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए फसलों की उपज बढ़ाने के बारे में इस्राइल से सीखना होगा। उन्होंने कहा, हमारी सरकार ने आर्थिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में अनेक नई पहलें की हैं, विशेषकर मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट इंडिया व डिजिटल इंडिया इन सभी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन इस प्राचीन सभ्यता को दुनिया की संपन्न, गतिशील व आधुनिक आर्थिक शक्ति में बदलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि आधुनिक आर्थिक शक्ति बनने के लिए हमारे संसाधनों के प्रभावी इस्तेमाल तथा कृषि उत्पादकता को उच्च स्तर पर लाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने कहा,हमें इस्राइल से सीखने की जरूरत है जिसने कम खपत वाली सिंचाई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए उच्चतम फसल उत्पादकता हासिल की है। उन्होंने देश को खाद्य अधिशेष व जल अधिशेष राष्ट्र बनाने के लिए इस्राइल के प्रयासों की सराहना की। सीआईआई के कार्यकम में इस्राइल के राष्ट्रपति रूवन रिवलिन विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ बनाने से दुनिया में जादू हो सकता है क्योंकि दोनों देशों में व्यापक वृद्धि की संभावनाए हैं। उन्होंने कहा,जब इस्राइली कंपनियां व भारतीय किसान नेटवर्किंग करते हैं तो वे मिलकर जादू कर रहे हैं। आपने एक बार कहा था कि हर देश का आगे बढ़ने का अपना तरीका होता है। भारत ने नवोन्मेष में दुनिया की अगुवाई की है अब इसे बढाया जा सकता है। रिवलिन ने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा की महत्ता इस्राइल को समझाई। हल्के फुल्के अंदाज में रिवलिन ने कहा कि उन्हें हिंदी शब्द जुगाड़ से प्यार हो गया है। इस्राइल की स्थिति जुगाड़ वाली है। हमारे काम व नवोन्मेश के तरीकों में जुगाड़ है। उल्लेखनीय है कि भारत व इस्राइल ने 2006 में कृषि भागीदारी संबंधी समझता किया है।