जावड़ेकर ने ‘दिव्यांग बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा हेतु शिक्षकों को तैयार करने के लिए मास्टर ट्रेनर्स हेतु टूलकिट’ का भी अनावरण किया। इसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से विश्व बैंक द्वारा तैयार किया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने शिक्षा की ‘गुणवत्ता’ में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में मानव संसाधन विकास मंत्रालय सही समझ, गणित, भाषा इत्यादि के संबंध में आवश्यक क्षमताओं के लिए मूल्यांकन मानक तय करने हेतु शिक्षण के परिणामों को संहिताबद्ध करेगा और इस तरह यह सुनिश्चित करेगा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत प्रथम कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक ‘सभी बच्चे कम से कम शिक्षण के न्यूनतम स्तर’ को अवश्य ही हासिल कर लें।