नई दिल्ली। दिल्ली में मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। केजरीवाल ने उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त दिल्ली की कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। केजरीवाल के मुताबिक, वह सरकार से एेसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराना चाहती थीं, जिससे इन फार्मों को 11 हजार करोड़ रूपये का फायदा पहुंचता। केजरीवाल ने कहा है कि अगले दस दिन तक वह खुद गैमलिन के कामकाज पर नजर रखेंगे। मुख्य सचिव के कार्यालय जाने वाली हर फाइल मुख्यमंत्राी कार्यालय होकर जाएगी।
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में आटो चालकों की एक सभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने गैमलिन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने गेमलीन की ओर इशारा करते हुए कहा, जब हमारी सरकार बनी थी, तब बिजली विभाग की सचिव ने हमारे ऊर्जा मंत्री से रिलायंस समूह की बिजली कंपनियों को 11 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने के लिए हस्ताक्षर कराने की कोशिश की थी। और अब मोदी की केंद्र सरकार ने इसी सचिव को दिल्ली का मुख्य सचिव बना दिया। इस मुद्दे पर केजरीवाल ने भाजपा की केंद्र सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी की भाजपा सरकार उन्हें नाकाम साबित करना चाहती है।
गौरतलब है कि शनिवार को बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से केजरीवाल को गत पांच मई को लिखा एक पत्र सामने आया था जिसमें जैन ने शकुंतला गैमलिन पर रिलायंस की बिजली कंपनियों के हितों को बढ़ाने के लिए सरकार के भीतर लॉबिंग करने के आरोप लगाते हुए उन्हें बिजली विभाग के प्रमुख सचिव के पद से हटाने की मांग की थी। जैन का यह पत्र सार्वजनिक होने के बाद अब खुद केजरीवाल ने गैमलिन पर बिजली कंपनियों की तरफदारी के आरोप लगाए हैं।
केजरीवाल ने कहा, जिस पत्र पर बिजली सचिव मंत्री से हस्ताक्षर कराना चाहती थी, उसकी जांच की तो वह गारंटी पत्र निकला। अगर बिजली कंपनियां ऋण भरने में नाकाम रहती तो बोझ जनता पर आता और दिल्ली में दरें दो-तीन गुना बढ़ सकती थीं। लेकिन उनकी आपत्तियों को दरकिनार कर केंद्र सरकार ने गैमलिन को दिल्ली का मुख्य सचिव बनवा दिया है। दरअसल, यह पूरा मामला दिल्ली में मुख्य सचिव के पद पर नियुक्ति से जुड़ा है। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव केके शर्मा 10 दिन की छुट्टी पर हैं और उनके स्थान पर उप राज्यपाल नजीब जंग ने गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त करने का फैसला किया था। केजरीवाल उप राज्यपाल के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। इसके बावजूद शनिवार को गैमलिन ने प्रभार ग्रहण कर लिया।
अधिकारी के चरित्र हनन से पूर्वोत्तर के लोग आहत - रिजिजू
इस मामले में अब केंद्र सरकार भी खुलकर सामने आ गई है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजू ने आप सरकार पर पूर्वोत्तर की एक महिला आईएएस अधिकारी का चरित्र हनन और संविधान का अनादर करने का आरोप लगाया है। रिजिजू ने कहा कि अधिकारी की नियुक्ति नियमों के अनुसार उपराज्यपाल ने की है और दिल्ली सरकार बिना सबूत के उनके खिलाफ आरोप लगा रही है। शकुंतला गैमलिन एक अच्छी अधिकारी हैं अौर अगर उनके खिलाफ कुछ है तो इसे आधिकारिक तौर पर बताया जाना चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी के इस प्रकार चरित्र हनन से पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।