शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में लिखा गया, पाकिस्तानी कलाकार, तकनीशियन और टीवी से जुड़े लोग दोस्ती और रिश्तों जैसे शब्दों को प्रचारित करते हुए धन कमाने के लिए भारत आते हैं। वे यहां के स्थानीय लोगों के रोजगार छीन लेते हैं। संपादकीय में कहा गया, क्या भारत ट्रंप जैसी नीति लागू कर सकता है और यह कह सकता है कि पाकिस्तानियों को यहां रोजगार नहीं मिलेगा? क्या वह यह घोषणा कर सकता है कि जो भी पाकिस्तानियों को काम देगा, वह भारत का दुश्मन है?
नव निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि वह अमेरिकी कर्मचारियों की जगह विदेशी कर्मचारियों को नहीं लेने देंगे। यहां वह संभवत: डिज्नी वर्ल्ड सहित अन्य अमेरिकी कंपनियों की ओर इशारा कर रहे थे, जिन्होंने एच- 1 बी वीजा पर भारतीय, विस्थापित अमेरिकी कर्मचारियों जैसे लोगों को नियुक्त किया है।
शिवसेना ने कहा, जो ट्रंप जैसा व्यक्ति कर सकता है, उसे साहस और ज्ञान के लिए पहचाने जाने वाले प्रधानमंत्री तो निश्चित तौर पर कर सकते हैं। शिवसेना ने दावा किया कि एेसा लगता है कि अमेरिका में नौकरियां- सिर्फ भूमिपुत्राें के लिए के नारे के लिए ट्रंप ने बालासाहब ठाकरे से प्रेरणा ली है।
संपादकीय में कहा गया कि ट्रंप के इस रूख का सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ने वाला है और यह देखना होगा कि मोदी सरकार ट्रंप से बात करके इससे कैसे निपटती है। संयोगवश रविवार को बाॅलीवुड के सुपरस्टार शाहरूख खान ने मनसे के प्रमुख राज ठाकरे से अपनी आगामी फिल्म रईस के प्रदर्शन से पहले बात की। इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान हैं।
पाकिस्तानी कलाकारों के मुद्दे ने इस साल उस समय तूफान खड़ा कर दिया था, जब मनसे ने पड़ोसी देश के कलाकारों को बाॅलीवुड फिल्मों में लिए जाने पर आपत्ति जताई थी। उसने यह आपत्ति आतंकी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता के चलते जताई थी। अक्तूबर में, मनसे ने फिल्मकार करण जौहर की एे दिल है मुश्किल में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान को लिए जाने पर फिल्म के प्रदर्शन के खिलाफ भारी-भरकम विरोध प्रदर्शन किए थे। लेकिन बाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मध्यस्थता के बाद फिल्म जगत से आश्वासन मिल जाने पर मनसे ने विरोध प्रदर्शन वापस ले लिए थे। भाषा एजेंसी