आलोचनाओं को खारिज करते हुए सिन्हा ने कहा कि रिलायंस जियो ने नि:शुल्क वायस कॉल व बहुत कम कीमतों में डेटा की पेशकश के साथ जिस कीमत युद्ध की शुरआत की है वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है जिसका फायदा अंतत: ग्राहकों को ही होगा। सिन्हा ने सेल्यूलर कंपनियों के संगठन सीओएआई के इन आरोपों का भी खंडन किया है कि दूरसंचार नियामक ट्राई पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। सिन्हा ने कहा है, कोई वे फैसले दिखाए जिनमें ट्राई ने किसी का पक्ष लिया हो। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में पिछले फेरबदल में सिन्हा को रवि शंकर प्रसाद की जगह दूरसंचार मंत्रालय सौंपा गया था। सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल की मंशा डिजिटल खाई को पाटना और इंटरनेट का इस्तेमाल वृद्धि को बलदायक के रूप में इस्तेमाल करने की है। उन्होंने कहा, अगर कोई बड़े पैमाने पर लोगों को डिजिटल कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है तो एक तरह से वह प्रधानमंत्री के सपने को पूरा कर रहा है। तब मुझे कोई आपत्ति नजर नहीं आती।
उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलांयस इंडस्ट्रीज की इकाई रिलायंस जियो ने अपनी 4जी सेवाओं की शुरुआत की घोषणा के अगले ही दिन देश भर के अखबारों में पूरे पेज का विज्ञापन दिया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो भी थी। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी सहित अनेक राजनीतिक दलों ने इसकी आलोचना की थी। कांग्रेस पर दोमुंही बातें करने का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा, कांग्रेस के 10-20 वरिष्ठ नेताओं ने मुझे पत्र लिखकर शिकायत की कि रिलायंस जियो को (अन्य दूरसंचार कंपनियों से) प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन नहीं मिल रहे हैं और कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। यह तो दोमुंही बात हुई। मंत्री ने हालांकि इस बहस में पड़ने से इनकार किया कि किसी वाणिज्यिक सेवा के प्रचार-प्रसार के लिए प्रधानमंत्री के फोटो के इस्तेमाल हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति लेनी होती है या नहीं। उन्होंने कहा, अच्छा यही होगा कि आप य सवाल प्रधानमंत्री से पूछें कि अनुमति थी या नहीं। मैं इस पर कोई विचार नहीं रख सकता।