बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें ये कहा गया था कि 12 साल के बच्ची के बिना कपड़े हटाए स्तन को दबाना संरक्षण अधिनियम यानी पौक्सो एक्ट के तहत नहीं आएगा। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उक्त मामले का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज कहा कि यह बहुत परेशान करने वाला फैसला है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
बार एंड बेंच के मुताबिक सर्वोच्च अदालत ने आदेश दिया कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला दिया कि मामले में शारीरिक संपर्क नहीं था। दरअसल, कोर्ट ने कहा था कि स्कीन-टू-स्कीन टच नहीं था। इसलिए ये पौक्सो एक्ट में नहीं माना जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा कि आदेश अभूतपूर्व है और एक खतरनाक मिसाल पेश करने की संभावना है। कोर्ट ने कहा, हम पौक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध के मामले में अब तक के आरोपियों को बरी करने पर रोक लगाते हैं। आरोपी को नोटिस जारी करें।