सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है। बता दें कि बीते 5 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई खत्म हो गई थी।
करीब 13 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सरकार और एजेंसियों ने इस केस की जांच करने में काफी मेहनत की, 210 गवाहों को पेश किया गया। लेकिन किसी भी तरह से सबूत सामने नहीं आ सके। उन्होंने कहा कि इसमें अभियोजन पक्ष की गलती नहीं है कि गवाहों ने कुछ नहीं बताया।
गौरतलब है कि साल 2005 के इस मामले में 22 लोग मुकदमे का सामना कर रहे थे जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं। इस मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोपियों में शामिल थे। हालांकि, उन्हें 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था। शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए। इस महीने की शुरूआत में आखिरी दलीलें पूरी किए जाने के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एस जे शर्मा ने कहा था कि वह 21 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे।
क्या है मामला
आरोप था कि कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे। सीबीआई के मुताबिक शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई। उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया। साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात-राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी।