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सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

इस संबंध में बताते हुए डॉ. मेथ्यू ने आज कहा, कनाडा के ग्लोबल मेल अखबार में छपे एक लेख के जरिये मुझे सुपर-30 और इसके संस्थापक आनंद कुमार के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद हमने उन्हें (आनंद कुमार) लेक्चर देने के लिए कनाडा आमंत्रित करने का निर्णय लिया। मनोचिकित्सकों के एक सेमिनार में शामिल होने कनाडा से भोपाल आए डॉ. मेथ्यू ने कहा, आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की मदद के प्रति आनंद कुमार के जज्बे और कार्यों को देखने के बाद मैंने रामानुजम गणित स्कूल के तहत चलने वाले संस्थान सुपर-30 के बारे में लिखने का फैसला लिया। उन्होंने कहा, जिस तरह से कुमार इस काम में पिछले 14 साल से लगातार लगे हुए हैं, यह कोई साधारण बात नहीं है। सामान्यत: पैसा आने के बाद और मशहूर होने के बाद लोग वैभव पूर्वक जीवन के तरफ मुड़ जाते हैं, लेकिन कुमार अपने लक्ष्य के प्रति लंबे समय से लगातार काम कर रहे हैं जो कि एक असाधारण और असंभव सी बात है।

मैथ्यू ने कहा, इस किताब को लिखने के लिए मैंने कुमार के पटना स्थित घर में लम्बा समय बिताया, उनकी कक्षाएं देखीं तथा उनके पुराने और वर्तमान विद्यार्थियों, जिनका जीवन कुमार ने बिना किसी से सहयोग लिए अकेले अपने दम पर बदल दिया, से लम्बी चर्चाएं की। इसके साथ ही मैंने देखा की उनके इस काम में उनकी मां, पत्नी और परिवार के अन्य लोग भी मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब देखने के बाद मैंने अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए सुपर-30 और आनंद कुमार पर किताब लिखने का निर्णय लिया।

किसी लेखक के बजाय एक मनोचिकित्सक डॉ. मेथ्यू को सुपर-30 पर किताब लिखने के लिए चुनने के सवाल पर आनंद कुमार ने कहा, क्योंकि वह किसी भी विषय की गहराई तक जाकर काम करते हैं। इसके साथ ही मेरा मानना है कि उन्हें कहानी लिखने का अनुभव भी है और वह मानसिक परेशानी से घिरे कई लोगों के बारे में काफी लिख चुके हैं। कुमार ने कहा, डॉ. मेथ्यू ने इस संबंध में काफी काम किया है। वह दो बाद पटना आ चुके हैं। वह मेरे पैतृक स्थान पर भी जा चुके हैं। इसके अलावा मेरे स्कूल और मेरे कई दोस्तों और विद्यार्थियों से उन्होंने मुलाकात की है। मेरे पिता के अनुभव लेने के लिए डॉ. मेथ्यू ने पटना से कलकत्ता की यात्रा भी की। उन्होंने कहा, इसके साथ ही पढ़ाई के दौरान मैंने अपना समय कैसे बिताया, इस अनुभव के लिए वह वाराणसी की सेन्ट्रल लाइब्रेरी भी देखने गए। कुमार ने कहा इसलिए मैंने पाया कि डॉ. मेथ्यू के अलावा इस विषय पर कोई और इतना अधिक अनुसंधान नहीं कर सकता है।

बिहार की राजधानी पटना में रामानुजम गणित स्कूल के तहत चलने वाला सुपर-30 उच्च महत्वकांक्षी और अभिनव शिक्षण कार्यक्रम है। इसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 प्रतिभाशाली विद्याथियों का चुनाव किया जाता है। इन चुने हुए विद्यार्थियों को सुपर-30 में विशेष शिक्षण देकर देश के प्रतिष्ठित आईआईटी में प्रवेश हेतु प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जाता है। सुपर-30 के जरिये पिछले 14 सालों में अब तक 300 से अधिक विद्यार्थी देश के विभिन्न आईआईटी में प्रवेश पा चुके हैं।

 

 

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