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डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी किए गए डाक टिकट और अंतरदेशीय डाक पत्र बंद किए जाने के फैसले को लेकर आज विवाद शुरू हो गया और सरकार ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार को यह सम्मान नहीं मिल सकता वहीं कांग्रेस ने इस कदम को इतिहास का अपमान बताते हुए माफी मांगे जाने की मांग की।
डाक टिकट विवाद : आमने-सामने सरकार और कांग्रेस

इस कदम का बचाव करते हुए संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि एक सलाहकार समिति ने अंतरदेशीय पत्रों पर इंदिरा गांधी की तस्वीर के स्थान पर योग की तस्वीर लगाने का सुझाव दिया है। लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

प्रसाद ने कहा कि डाक टिकट संबंधी एक सलाहकार समिति के सुझाव पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, शिवाजी, मौलाना आजाद, भगत सिंह, जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, विवेकानंद और महाराणा प्रताप के सम्मान में डाक टिकटों की निर्धारित श्रृंखला जारी करने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा,  निर्धारित डाक टिकट श्रृंखला में, (अब तक) जोर एक ही परिवार पर था...हालांकि अन्य नाम भी थे। महात्मा गांधी थे, मौलाना आजाद थे। डॉ. अंबेडकर थे। डॉ. भाभा थे। मंत्री ने कहा कि नई श्रृंखला समावेशी है जिसमें जवाहरलाल नेहरू सहित स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख लोगों के योगदान को शामिल करने पर जोर दिया गया है।

पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी पर जारी डाक टिकटों को बंद करने के फैसले का बचाव करते हुए प्रसाद ने कहा कि सरकार का मानना है कि भारत के निर्माण में जिन किसी ने योगदान किया है, भले ही उनकी विचारधारा कुछ भी हो, उनका सम्मान किया जाना चाहिए और डाक टिकट उस सम्मान का एक प्रतीक है। उन्होंने कहा,  हमें लगता है कि यह अधिकार सिर्फ एक ही परिवार के पास नहीं होना चाहिए।

दूसरी ओर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह फैसला संकीर्ण मानसिकता प्रदर्शित करता है। पार्टी ने सरकार से माफी मांगने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा,  हम गांधी परिवार के प्रति इस सरकार के नजरिये और रुख की निंदा करते हैं जिसने राष्ट्र के लिए काफी बलिदान दिया है। यह इतिहास का अपमान है।

प्रसाद ने कहा कि अब तक इंदिरा गांधी की याद में चार स्मारक डाक टिकट जारी किए गए हैं जबकि राजीव गांधी के नाम पर दो बार और नेहरू के नाम पर सात बार। उन्होंने कहा, हमें यह विचार करने की जरूरत है कि एक ही परिवार के सदस्यों की याद में इतने स्मारक डाक टिकट क्यों जारी किए गए हैं। प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इतने साल तक सत्ता में रही, लेकिन मौलाना आजाद आज तक इसमें शामिल नहीं हुए। इस क्रम में उन्होंने कांग्रेस से सवाल करते हुए डॉ. राजेंद्र प्रसाद, स्वामी विवेकानंद, सरदार पटेल का भी नाम लिया। उन्होंने कहा,  कांग्रेस पार्टी इसे मुद्दा बना रही है, इसलिए हम औपचारिक रूप से स्पष्ट करना चाहते हैं। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास कहते हैं तो इसका अर्थ है कि जिन लोगों ने देश के लिए योगदान किया है, भले ही उनकी विचारधारा कुछ भी हो, हम सबका सम्मान करेंगे न कि सिर्फ एक परिवार का।

प्रसाद ने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर, मोहम्मद रफी, हेमंत कुमार, मुकेश, तलत महमूद, मन्ना डे के साथ ही उस्ताद बिस्मिल्ला खां, पंडित रविशंकर, एम एस सुब्बुलक्ष्मी पर भी डाक टिकट जारी किए जाएंगे। चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की याद में भी डाक टिकट जारी किए जाएंगे।

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