नेपाल में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। बुधवार को आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.2 थी और इसका केंद्र नेपाल का धादिंग जिले का नौबत था। हालांकि भूकंप की वजह से किसी जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। वहीं भारत के अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
नेपाल में 6 बजकर 29 मिनट पर और उसके सटे उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इसकी तीव्रता 5.2 थी। दूसरा झटका 6 बजकर 40 मिनट पर महसूस किया गया। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 थी।
इससे पहले रात 1 बजकर 45 मिनट पर अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके आए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर 5.8 मापी गई। भूकंप का केंद्र अरुणाचल का पश्चिम सियांग था। यहां पर भी कोई नुकसान नहीं हुआ है।
यह भूकंप ऐसे समय में आया, जब सभी नींद में सो रहे थे, जानकारी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि घर की दीवार भी हिलने लगी।
2015 में नेपाल में मची थी भारी तबाही
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था और इसका केंद्र लामजुंग था। इस भूकंप की वजह से नेपाल के 32 जिले पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे और लगभग 9 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। कम से कम 20 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। उस दौरान भूकंप के झटके चीन, भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी महसूस किए गए थे। वहीं इससे पहले साल 1934 में ऐसा ही भूकंप आया था, जिसमें लगभग आठ हजार लोग मारे गए थे।
भूकंप आए तो बरतें ये सावधानियां
भूकंप आने के समय अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची बिल्डिंगों, बिजली के खंभों वगैरह से दूर रहें। जब तक झटके बंद न हों बाहर रहें। अगर आप चलती गाड़ी में हैं तो जल्दी गाड़ी रोक लें और गाड़ी के अंदर ही बैठे रहें। भूकंप आने के दौरान अगर आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे चले जाएं। टेबल न हो तो हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें। कांच, खिड़कियों, दरवाजों और दीवारों से दूर रहें और घर के किसी कोने में चले जाएं और। अगर आप बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें और तकिये से सिर ढक लें। कमज़ोर सीढ़ियों का उपयोग न करें।