सुप्रीम कोर्ट की तरफ से शुक्रवार को जैन समाज के तीन मंदिरों को सशर्त खोलने और पर्युषण पूजा करने की अनुमति दे दी गई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हम दादर, बायकुला और चेंबूर में स्थित जैन समाज के मंदिर को खोलने और पर्युषण पूजा की इजाजत देते हैं।
केंद्र द्वारा धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए लागू किए गए एसओपी को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 22 और 23 अगस्त को पर्युषण के अंतिम दो दिनों के लिए श्रद्धालुओं के लिए जैन मंदिरों को खोल दिया जाए।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अगुवाई वाली बेंच ने की। उन्होंने कहा कि यह छूट गणेश चतुर्थी के लिए किसी अन्य मंदिर पर लागू नहीं होगा।
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने मंदिर ट्रस्ट को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने का निर्देश दिया, जिसमें कहा गया है कि इस आदेश से किसी अन्य ट्रस्ट या मंदिर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा - विशेष रूप से गणेश चतुर्थी पर, जिस पर सरकार मेरिट के मुताबिक काम करेगी।
पर्युषण शुरू होने से ठीक पहले 14 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जैन समुदाय के सदस्यों के लिए 15 अगस्त और 23 अगस्त के बीच के पवित्र काल के दौरान मंदिरों में पूजा करने से मना करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि इस वक़्त प्रत्येक समझदार व्यक्ति का कर्तव्य, धार्मिक कर्तव्यों के साथ सार्वजनिक कर्तव्यों को संतुलित करना है और बाकी मानव जाति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना है।