सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के तनावग्रस्त दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों से अर्द्धसैनिक बलों की सात कंपनियां वापस बुलाने की आज केन्द्र सरकार को अनुमति दे दी ताकि हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव ड्यूटी में उन्हें तैनात किया जा सके।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इसके साथ ही कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ केन्द्र की अपील पर पश्चिम बंगाल सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने अर्द्ध सैनिक बलों की 15 कंपनियों को राज्य में ही रखने का निर्देश दिया था।
पीठ ने हाईकोर्ट में लंबित कार्यवाही पर रोक लगाते हुये कहा कि वह इस मामले का निबटारा करेगी। न्यायालय अब केन्द्र सरकार की अपील 27 नवंबर को आगे सुनवाई करेगा।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दार्जिलिंग से केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल को वापस बुलाने पर 27 अक्तूबर तक के लिये रोक लगा दी थी। इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार ने इन कंपनियों को वापस बुलाने के केन्द्र के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाईकोर्ट ने 14 जुलाई को केन्द्र को निर्देश दिया था कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पहले से ही मौजूद केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बल की 11 कंपनियों के अलावा चार कंपनियां और तैनात की जायें।
पश्चिम बंगाल सरकार ने अर्द्ध सैनिक बल की कंपनियों को 25 दिसंबर तक पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात रखने का अनुरोध करते हुये केन्द्र को पत्र लिखा था परंतु उसे बताया गया कि इन 15 कंपनियों में से 10 कंपनियां 15 अक्तूबर तक और शेष 20 अक्तूबर तक वापस बुला ली जायेंगी।