लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 2 मई को होगी। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की अर्जी पर सोमवार को शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए हामी भरी थी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुष्मिता देव की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। देव की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए. एम. सिंघवी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और अमित शाह ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और चुनाव आयोग उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सिंघवी ने कहा, “देश में 4 सप्ताह से आचार संहिता लागू है। प्रधानमंत्री और शाह कथित रूप से आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।” इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
‘सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को दे निर्देश’
सांसद सुष्मिता देव ने एक याचिका दाखिल की है। याचिका में यह मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयोग को यह निर्देश दे कि पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जो शिकायत की गई है, उसमें आयोग कार्रवाई करे। सुष्मिता देव की याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- मोदी-शाह पर कार्रवाई क्यों नहीं?
इससे पहले रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने चुनाव के दौरान सभी दलों के लिए समान अवसर के मुद्दे पर ‘‘धोखा’’ किया। उन्होंने इस पर निगरानीकर्ता, चुनाव आयोग की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाया। सिंघवी ने कहा कि चुप्पी को मंजूरी समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें आचार संहिता उल्लंघनों के लिए कार्रवाई की मांग करते हुए कोर्ट का रुख करने का हक है..हम इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं...निगरानीकर्ता ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या मोदी और शाह आचार संहिता के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को ‘इलेक्शन ओमिशन’ कहते हुए आचार संहिता को ‘‘मोदी कोड आफ कंडक्ट’’ करार दिया। सिंघवी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने तीन श्रेणियों में आचार संहिता का व्यापक उल्लंघन किया है: वोटों का ध्रुवीकरण, प्रचार में सशस्त्र बलों का उल्लेख करना और चुनाव वाले दिन रैलियां करना।
सिंघवी ने कहा, ‘‘चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों के आधार पर कई नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के लिए कार्रवाई की है। हम इसकी तारीफ करते हैं। क्योंकि मिसाल कायम की गई है, मोदी और शाह के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई।’’