Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान को लेकर घिरे हर्ष मंदर, CJI ने मांगा जवाब

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के कथित भड़काऊ भाषण के मामले पर आज होने वाली सुनवाई को कुछ समय के लिए...
सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान को लेकर घिरे हर्ष मंदर, CJI ने मांगा जवाब

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के कथित भड़काऊ भाषण के मामले पर आज होने वाली सुनवाई को कुछ समय के लिए सुप्रीम कोर्ट ने टाल दिया था। दरअसल, अब याचिकाकर्ता हर्ष मंदर पर भी इसी तरह के आरोप लगे हैं। अदालत ने इस पर हर्ष मंदर की सफाई मांगी । पीठ ने दोपहर 2 बजे मंदर के वकील से जवाब मांगा। हालांकि आगे सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से कथित नफरती भाषणों के लिए नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अनुरोध वाली दंगा पीड़ित की याचिका पर 6 मार्च को सुनवाई करने को कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान अभद्र भाषा के आरोपों पर हर्ष मंदर से जवाब तलब किया।  केंद्र ने मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के संज्ञान में मंदर द्वारा किए गए कथित घृणास्पद भाषणों को लाया। न्यायमूर्ति बी आर गवई और सूर्यकांत की पीठ ने भी सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस पहलू पर याचिका दायर करने के लिए कहा और आरोपों पर प्रतिक्रिया देने के लिए मंदर के वकील को निर्देश दिया।

हालांकि आगे सुनवाई करते हुए सीजेआई एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मामले में दी गई लंबी तारीख उचित नहीं है। सीजेआई बोबडे ने कहा, ‘हम समझते हैं कि मामले को इतने लंबे समय तक खींचना उचित नहीं है। हमारा मानना है कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को की जाए।’ सीजेआई ने कहा, ‘जब हाईकोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है तब हम उसका अधिकार नहीं लेना चाहते हैं। लेकिन ऐसे मामलों को ज्यादा देर तक नहीं खींचना चाहिए।’

पहले सफाई दें, फिर आपकी याचिका सुनेंगे

इससे पहले विधि अधिकारी के सबमिशन को ध्यान में रखते हुए  बेंच ने कहा, "यह वही है जो आप इस अदालत के बारे में सोचते हैं। इससे पहले कि हम आपको (मंदर के वकील) सुनें, आप आरोपों को देखें और उनका जवाब दें।"  शुरुआत में, मेहता ने मंदर के कथित भाषण का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने अदालत के खिलाफ कुछ "आपत्तिजनक" बयान दिए थे। पीठ ने कहा, "हमें बताया गया है कि आपने इस अदालत के खिलाफ कुछ टिप्पणी की है।"  उन्होंने कहा कि यह उन सभी को जानना चाहता है जिन्होंने कानून की महिमा का उल्लंघन किया है।

क्या है याचिका में?

सोशल एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में हर्ष मंदर ने इन नेताओं के खिलाफ तत्‍काल एफआईर दर्ज करने को लेकर निर्देश देने की मांग की है, जिसपर प्रधान न्यायाधीश एसए की बेंच सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अन्य सभी के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज की जाए जो हेट स्पीच, दंगे, हत्या और आगजनी में लिप्त थे। दंगों की जांच के लिए दिल्ली के बाहर के अधिकारियों की एसआईटी टीम का गठन किया जाए। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना को तैनात किया जाए। पुलिस वालों की भूमिका की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित की जाए।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में भी भड़काऊ भाषण पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को भड़काऊ बयान को लेकर दाखिल याचिका पर 4 हफ्ते के अंदर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।

कपिल मिश्रा ने दिया था ये बयान

बीते दिनों बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक बयान दिया था। उनके बयान को विपक्ष ने उकसाने वाला बताया था। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास जो धरना प्रदर्शन जारी था, उसके खिलाफ कपिल मिश्रा ने बयान दिया कि यदि तीन दिनों में ये धरना खाली नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे और फिर दिल्ली पुलिस की भी नहीं सुनेंगे। कपिल मिश्रा जब ये बयान दे रहे थे, तब दिल्ली पुलिस के अफसर भी उनके साथ खड़े थे।

अनुराग ठाकुर का भी वीडियो हुआ था वायरल

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की रैली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में विवादित नारे लगते सुनाई दे रहे हैं। वीडियो में अनुराग ठाकुर मंच से नारे बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 'देश के गद्दारों को.... जिसके बाद मंच के नीचे मौजूद लोग 'गोली मारो...' बोलते हैं।

परवेश वर्मा ने क्या कहा था?

वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने कहा है कि अगर दिल्ली में सत्ता में आए तो एक घंटे के अंदर शाहीन बाग हो रहा प्रदर्शन रुकवा देंगे। यहां एक भी आदमी नहीं दिखाई देगा। बता दें कि शाहीन बाग में दो महीने से ज्यादा वक्त से महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad