सूत्रों के मुताबिक अब नए सिरे से इस परियोजना को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसके कारण इस योजना को लेकर देरी हो रही है। गौरतलब है कि वाजपेयी सरकार के समय नदी जोड़ परियोजना की योजना बनाई गई थी। उस समय शिवसेना के तत्कालीन सांसद सुरेश प्रभु की अगुआई में इस पर विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी। लेकिन यूपीए सरकार के दस साल के शासनकाल में यह रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गई। प्रभु तब पर्यावरण मंत्री भी थे।
राजग सरकार बनने के बाद एक बार फिर इस योजना को जोर-शोर से शुरू किए जाने की जब कवायद हुई तो यह रिपोर्ट ही नहीं मिली। जबकि यूपीए सरकार के समय जल संसाधन मंत्री रहे पवन बंसल ने इस रिपोर्ट को अहम माना था और कहा कि सुरेश प्रभु की रिपोर्ट को सरकार लागू करने पर विचार कर रही है ताकि सूखे की समस्या से निपटा जा सके। लेकिन उनकी सरकार ने बाद में भी इस पर कोई तत्परता नहीं दिखाई। सूत्र बताते हैं कि अब नए सिरे से इस परियोजना को लेकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए सरकार ने पांच लाख करोड़ रूपये बजट को बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रूपये कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक पहली नदी जोड़ योजना केन और बेतवा इस साल के अंत तक पूरी हो जाने की संभावना है।