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टीएमसी का चुनाव आयोग से सवाल- 'अधिकारियों, सीएपीएफ के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य क्यों नहीं की'

चुनाव आयोग द्वारा एक दिन पहले घोषणा की गई थी कि उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को कोविड-19 की निगेटिव...
टीएमसी का चुनाव आयोग से सवाल- 'अधिकारियों, सीएपीएफ के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य क्यों नहीं की'

चुनाव आयोग द्वारा एक दिन पहले घोषणा की गई थी कि उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट के बिना काउंटिंग हॉल के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। इसपर टीएमसी ने गुरुवार को सवाल उठाते हुए कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि यह निर्देश मतदान अधिकारियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के कर्मियों के लिए यह लागू नहीं हैं।

तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में कहा कि यह हजारों सीएपीएफ कर्मियों के जीवन और स्वास्थ्य को खतरे में डालता है जिन्हें काउंटिंग हॉल के बाहर तैनात किया जाएगा।

बता दें कि चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में 2 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसमें चुनाव आयोग ने कहा कि उम्मीदवारों या उनके एजेंटों को निगेटिव कोरोना रिपोर्ट या गिनती शुरू होने के 48 घंटे के भीतर एक कोविड-19 वैक्सीन की दोनों खुराक के बिना मतगणना हॉल के अंदर अनुमति नहीं दी जाएगी।

टीएमसी ने अपने पत्र में कहा कि चुनाव एजेंट, मतगणना एजेंट या उम्मीदवार की निगेटिव कोविड रिपोर्ट के बाद ही काउंटिंग हॉल में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। हालांकि यह आश्चर्यजनक है कि काउंटिंग हॉल में उपस्थित मतदान अधिकारियों के लिए कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

इसके अलावा 23,000-24,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों को 2 मई, 2021 को काउंटिंग हॉल के बाहर तैनात किया जाएगा। चौंकाने वाली बात यह है कि ऐसे सीएपीएफ कर्मियों द्वारा पीपीई किट के उपयोग और कोविड-19 की निगेटिव परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देशों में कोई प्रावधान नहीं है, जिससे उनका स्वास्थ्य और जीवन खतरे में है।

पार्टी ने पोल पैनल पर आरोप लगाया कि वह सीएपीएफ कर्मियों के जीवन की सुरक्षा के लिए बेखबर है।

चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार, जिला चुनाव अधिकारी उम्मीदवारों और उनके मतगणना एजेंटों के लिए कोविड-19 परीक्षण आयोजित करेंगे।

आगे टीएमसी ने मांग की कि डाक मतपत्रों की गिनती ईवीएम से पहले की जाए। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि ईवीएम पर डाले गए मतों की गिनती से पहले पोस्टल बैलट द्वारा डाले गए वोटों की गिनती पूरी हो जानी चाहिए। जारी महामारी के मद्देनजर पोस्टल बैलट द्वारा बड़ी संख्या में वोट डाले जाने के कारण, पोस्टल बैलट काउंटिंग के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी।

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