स्वामी ने उनके खिलाफ छह बिंदुओं की चार्जशीट भी तैयार करके भेजी है। उन्होंने कहा कि रघुराम राजन मोदी सरकार से अलग चलने की कोशिश कर रहे हैं। स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि राजन की ओर से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के फैसले की वजह से घरेलू छोटी और मध्यम इंडस्ट्री में मंदी आ रही है। इससे न सिर्फ उत्पादकता घट रही है बल्कि बेरोजगारी भी बढ़ रही है। स्वामी ने कहा कि आरबीआई गवर्नर ने प्रधानमंत्री की ओर से स्टे ऑर्डर होने के बावजूद शरिया कंप्लेंट फाइनेंशियल ऑर्गेनाइजेशन सेट अप करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि राजन ने अब तक अपना यूएस ग्रीन कार्ड बनाए रखा है, जिसके जरिए वह ट्रांजिशनली कभी भी अमेरिका का वीजा हासिल कर सकते हैं, यही नहीं इस कार्ड के होने पर संबंधित व्यक्ति को अमेरिकी सरकार के कहने पर सैन्य सेवाएं भी देनी पड़ सकती हैं। बकौल स्वामी राजन की पोस्ट काफी संवेदनशील जगह है, यहां किसी देशभक्त व्यक्ति की जरूरत है, जो बिना शर्तों के अपने देश के लिए काम करे।
स्वामी ने जो आरोप लगाए हैं उसके अनुसार राजन ने दुनिया भर के लोगों को भारत से जुड़ी आर्थिक रिपोर्ट और जरूरी आंकड़े भेजे हैं, वो पूरी तरह गलत है। यह बेहद संवेदनशील आंकड़े थे और देश की सुरक्षा को इससे खतरा पैदा हो सकता है। सरकारी कर्मचारी होने के बाद भी वह लगातार सार्वजनिक जगहों पर भाजपा की आलोचना करते रहे हैं। देश में असहिष्णुता का मुद्दा हो या फिर ग्रोथ रेट का मुद्दा राजन ने सरकार से एक तरह अलग पक्ष ही रखाा है। स्वामी का कहना है कि राजन एक अमेरिका संस्था ग्रुप ऑफ 30 के सदस्य भी हैं, यह संस्था ग्लोबल इकॉनमी में अमेरिका को सर्वोच्च बनाए रखने के उद्देश्य से काम कर रही है। अमेरिका पहले भी ऐसे कारनामों से मंदी के दौर में जापान की कई कंपनियां अपने कब्जे में कर चुका है।