देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम की सबसे बड़ी नीलामी आज 19वें दिन संपन्न हो गई। इस नीलामी से सरकार को करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने एजेंसी को बताया कि नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई है। सूत्रा ने कहा कि चार बैंड स्पेक्ट्रम में नीलामी 115 दौर की बोलियां के बाद संपन्न हुई और कुल ।,09,874 करोड़ रुपये मूल्य की बोली मिली।
दूरसंचार विभाग उच्चतम न्यायालय की अनुमति के बाद बोली के नतीजों और सफल बोलीदाताओं के नाम की घोषणा करेगा। यह मामला अभी शीर्ष अदालत में लंबित है। स्पेक्ट्रम नीलामी में आइडिया सेल्युलर के पास मौजूद 9 लाइसेंस क्षेत्रों रिलायंस टेलीकॉम और वोडाफोन दोनों के 7-7 लाइसेंस क्षेत्रों और भारती एयरटेल के 6 लाइसेंस क्षेत्रों के स्पेक्ट्रम शामिल हैं। इन क्षेत्रों में इन कंपनियों के लाइसेंस की मियाद 2015-16 में समाप्त हो रही है।
नीलाम किए गए ज्यादातर स्पेक्ट्रम 900 मेगाहटर्ज और 1800 मेगाहटर्ज बैंड के हैं। इसके साथ साथ 2014 की नीलामी से बचे 1800 मेगाहटर्ज बैंड और 2013 में नहीं बिक सके 800 मेगाहटर्ज (सीडीएमए स्पेक्ट्रम) की भी नीलामी की गई है।
कुल 22 में से 17 सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी कराई गई है। इनमें 900 मेगाहटर्ज, 1800 मेगाहटर्ज तथा 800 मेगाहटर्ज के कुल 380.75 मेगाहटर्ज स्पेक्ट्रम रखे गए थे। 3जी मोबाइल सेवाओं के लिए निर्धारित 2100 मेगाहटर्ज बैंड में 5 मेगाहटर्ज स्पेक्ट्रम भी नीलामी के लिए रखा गया।
नीलामी दस्तावेज के अनुसार, दूरसंचार ऑपरेटरों को 2100 मेगाहटर्ज और 1800 मेगाहटर्ज बैंड में शुरू में 33 प्रतिशत राशि का अग्रिम भुगतान तथा 900 मेगाहटर्ज और 800 मेगाहटर्ज में 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा। यह भुगतान नीलामी बंद होने के 10 दिन के अंदर किया जाना है।
शेष राशि का भुगतान 12 साल में चुकानी है। इसमें दो साल तक कोई भुगतान नहीं करना होगा और उसके बाद 10 सालाना किस्तों में बाकी राशि चुकानी होगी।
नीलामी में जहां आइडिया, एयरटेल, वोडाफोन और रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम को बचाने के लिए भाग लिया, वहीं रिलायंस जियो, टाटा टेलीसर्विसेज, टेलीविंग्स (यूनिनॉर) और एयरसेल अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए नीलामी में शामिल हुईं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘स्पेक्ट्रम नीलामी से शून्य नुकसान की मान्यता गलत साबित हुई है। दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी से ।,09,874 करोड़ रुपये की रेकॉर्ड राशि जुटाने की सफलता के तुरंत बाद आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर यह कहते हुए कटाक्ष किया कि शून्य नुकसान की परिकल्पना गलत साबित हुई है। उसके बाद ही जेटली ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि कुछ लोगों की यह मान्यता गलत साबित हुई कि स्पेक्ट्रम का मूल्य शून्य के बराबर है।’ पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में दूरसंचार एवं आईटी मंत्री सिब्बल ने जनवरी, 2011 में कहा था कि 2008 में सरकार द्वारा पहले आओ पहले पाओ के आधार पर नई कंपनियों को 2जी दूरसंचार लाइसेंस देने से राजस्व का शून्य नुकसान हुआ था। उन्होंने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को खारिज करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया था। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम की नीलामी न किए जाने से 1.76 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। यह पूछे जाने पर कि क्या चालू वित्त वर्ष में स्पेक्ट्रम का कुछ राजस्व आएगा, जेटली ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि भुगतान आना शुरू हो जाएगा।’