एसआईटी की ओर से थरूर से दो घंटे देर रात में की गई पूछताछ भी शामिल है जिस दौरान उन्हें विशेष रूप से आईपीएल विवाद को लेकर कुछ कड़े सवालों का सामना करना पड़ा।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में थरूर ने ऐसी विरोधाभाषी बातें बताई जिससे उन पर शक गहरा गया है। बताया जा रहा है कि वह कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। इससे पहले थरूर से इसी साल १९ जनवरी को पूछताछ की गई थी।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में जल्द ही फिर पूछताछ हो सकती है। एसआईटी की पांच सदस्यीय टीम ने थरूर के साथ उनके घरेलू नौकर बजरंगी और नारायण सिंह, थरूर दंपती के मित्रा संजय दीवान, गंगा राम अस्पताल के क्षय रोग विशेषज्ञ डाॅ. रजत मोहन तथा निजी सहायक प्रवीण कुमार से भी पूछताछ की। इन लोगों से अलग से भी पूछताछ की गई।
सूत्रों ने बताया कि थरूर को आईपीएल विवाद पर सख्त सवालों का सामना करना पड़ा। यह विवाद 2010 की शुरूआत में उस वक्त सामने आया था जब वह विदेश राज्य मंत्री थे।
ये आरोप हैं कि उन्होंने सुनंदा को 70 करोड़ रूपये अदा कराने के लिए अपने पद का दुरूपयोग किया। यह रकम आईपीएल कोच्चि फेंचाइजी रेंडेजवस स्पोर्ट्स में 19 फीसदी हिस्सेदारी के बराबर है। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
दूसरी ओर एसआईटी के सदस्य एवं एक शीर्ष पुलिस अधिकारी फेडरल ब्यूरो आॅफ इंवेस्टीगेशन (एफबीआई) को सुनंदा का विसरा का नमूना देने के लिए अमेरिका रवाना हो गए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस इस बात की पुष्टि करना चाहती है कि क्या जहर रेडियोधर्मी समस्थानिक (रेडियोएक्टिव आइसोटोप) था जिसका पता भारतीय प्रयोगशालाओं में नहीं चल सकता।