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कोयला घोटाले में पहला फैसला, जेआईपीएल के दो निदेशक दोषी करार

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने झारखंड इस्पात प्राइवेड लिमिटेड (जेआईपीएल) और इसके दो निदेशकों आर.एस. रूंगटा और आर.सी. रूंगटा को राज्य में एक कोयला खान आवंटन में हुई अनियमितता के संबंध में दोषी ठहराया है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कंपनी और इसके दो निदेशकों को भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और 420 (धोखाधड़ी) का दोषी पाया गया।
कोयला घोटाले में पहला फैसला, जेआईपीएल के दो निदेशक दोषी करार

कोयला खान आवंटन घोटाले का यह पहला मामला है जिसमें विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। विशेष अदालत का गठन कोयला घोटाले के मामलों की सुनवाई के लिए किया गया है।

अदालत ने आर.एस. रूंगटा और आर.सी. रूंगटा को हिरासत में लेने का आदेश दिया और सजा 31 मार्च को तय की जाएगी। यह मामला झारखंड के उत्तरी धाडू कोयला ब्लाक के आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।

गौरतलब है कि केंद्र में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर धांधली के जरिये कोयला खानों के आवंटन के आरोप हैं और तब देश के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने इस घोटाले से सरकारी खजाने को करीब एक लाख अस्सी हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का आकलन किया था। केंद्र से कांग्रेस सरकार की विदाई में कोयला घोटाले की भी बड़ी भूमिका मानी जाती है जिसने जनता के बीच उस सरकार को बेहद अलोकप्रिय बना दिया था।

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