सुप्रीम कोर्ट ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2000 को सभी जगह प्रभावी रूप से लागू करने की मांग को लेकर संपूर्णा बेहुरा याचिका पर फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को कहा है कि वे अपने यहां चाइल्ड वेलफेयर बोर्ड का गठन करें।
The Supreme Court asks all the state governments to set up a child welfare board while hearing a petition seeking a direction to implement effectively the Juvenile Justice Act, 2000.
— ANI (@ANI) February 9, 2018
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्यों से कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय और राज्य आयोगों में सभी पदों को भरा जाए।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया कि किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समितियों में सभी पदों को शीघ्रता से और नियमों के अनुसार भर दिया जाए।
बेंच ने कहा कि पदों को भरने में देरी बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है और इससे बचना चाहिए ।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध किया है कि वे किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए खुद एक्शन लें।
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय किशोर न्याय अधिनियम और उसके नियमों के कार्यान्वयन के लिए एक जनहित याचिका पर आया। याचिका में कल्याणकारी उपाय को लागू करने में सरकारों के कथित तौर पर निराशा के मुद्दे को उठाया गया है।