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भारत को भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही दुनिया, इसका लाभ उठाए उद्योग जगत: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग से ऐसे समय में वैश्विक अवसरों का लाभ लेने के...
भारत को भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही दुनिया, इसका लाभ उठाए उद्योग जगत: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय उद्योग से ऐसे समय में वैश्विक अवसरों का लाभ लेने के लिए ‘बड़े कदम’ उठाने को कहा, जब दुनिया भारत को एक ऐसे भरोसेमंद साझेदार के रूप में देख रही है, जो गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं का उत्पादन कर सकता है।

बजट के बाद नियामक, निवेश और कारोबारी सुगमता पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण आपूर्ति-शृंखला में व्यवधान के बीच दुनिया को आज एक भरोसेमंद साझेदार की जरूरत है जो उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बना सके और जिसकी आपूर्ति शृंखला विश्वसनीय हो।

मोदी ने उद्योग जगत से कहा, “हमारा देश ये करने में सक्षम है, आप सभी सक्षम हैं, ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं चाहता हूं कि हमारा उद्योग जगत दुनिया की इन अपेक्षाओं को सिर्फ दर्शक बनकर न देखे। हम दर्शक बनकर नहीं रह सकते, आपको इसमें अपनी भूमिका तलाशनी होगी, आपको अपने लिए अवसर तलाशने होंगे।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पिछले 10 वर्षों से उद्योग जगत के साथ मिलकर काम कर रही है और उसने सुधारों, वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि का इंजन है। भारत ने कठिन समय में भी अपनी मजबूती को साबित किया है... आज हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक भागीदारी को मजबूत करना चाहता है। हमारे विनिर्माण क्षेत्र को इस मौके का लाभ उठाना चाहिए।”

मोदी ने कहा कि सरकार की निरंतरता और सुधारों के प्रति भरोसे के कारण उद्योग जगत को नया आत्मविश्वास मिला है।

मोदी ने कहा, “मैं विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र के हितधारकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले वर्षों में भी यह जारी रहेगा। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें और बड़े कदम उठाएं। देश के विनिर्माण और निर्यात क्षेत्र के लिए नए रास्ते खोले गए हैं।”

मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का विनिर्माण औद्योगिक वृद्धि की रीढ़ है। उन्होंने हितधारकों से ऐसे नए उत्पादों की पहचान करने को कहा जिनकी दुनिया में मांग है और जिनका विनिर्माण भारत में हो सकता है। इसके बाद इन्हें निर्यात के लिए तैयार किया जा सकता है।

शोध एवं विकास (आरएंडडी) की भूमिका पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उद्योग को नवीन उत्पादों के विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आरएंडडी के माध्यम से मूल्य संवर्धन करना चाहिए।

मोदी ने कहा, “खिलौना, जूते और श्रम प्रधान क्षेत्रों में हमारी क्षमता दुनिया जानती है। पारंपरिक शिल्प को आधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ जोड़कर सफलता प्राप्त की जा सकती है। हम इन क्षेत्रों में वैश्विक ‘चैंपियन’ बन सकते हैं और निर्यात को कई गुना बढ़ा सकते हैं। इससे श्रम प्रधान क्षेत्रों और उद्यमिता में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।” उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से गुज़र रही है, भारत को ‘वृद्धि के केंद्र’ के रूप में देखा जा रहा है।

राज्यों को कारोबार सुगमता सुधारों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि निवेश बढ़ाने में राज्यों की अहम भूमिका है। राज्यों द्वारा कारोबार सुगमता के सुधारों को आगे बढ़ाने से और अधिक निवेश आएगा। उन्होंने कहा, “राज्यों को आपस में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए... जो राज्य प्रगतिशील नीतियों के साथ आगे आएंगे, कंपनियां उन्हें निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य मानेंगी।”

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