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राफेल ही नहीं इन सौदों पर भी हुआ था हंगामा, मोदी से पहले नेहरू और राजीव सरकार पर भी उठे थे सवाल

संसद में शीतकालीन सत्र जारी है। लेकिन राफेल सौदे पर सरकार और विपक्ष के बीच चल रही बहस से सदन की गर्मी...
राफेल ही नहीं इन सौदों पर भी हुआ था हंगामा, मोदी से पहले नेहरू और राजीव सरकार पर भी उठे थे सवाल

संसद में शीतकालीन सत्र जारी है। लेकिन राफेल सौदे पर सरकार और विपक्ष के बीच चल रही बहस से सदन की गर्मी बढ़ गई है। फ्रांस से लड़ाकू विमान खरीदने के इस सौदे को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नरेन्द्र मोदी की सरकार पर गड़बड़ी के आरोप लगा रही है। साथ ही वह इसकी जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग कर रही है। यह पहली डील नहीं है जिसे लेकर हंगामा बरपा हो, बल्कि भारत में रक्षा सौदों का विवादों से गहरा नाता रहा है। इससे पहले भी देश की सुरक्षा और सेना से जुड़ी डील और मसौदों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी सरकार ने भी ऐसे विवादों का सामना किया था। आइए नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ विवादित रक्षा सौदों पर-

जीप घोटाला-1948

जीप घोटाले को आजादी के बाद पहले बड़े घोटाले के तौर पर देखा जाता है। 1948 में इंग्लैंड की एक कंपनी के साथ 200 जीपों की डिलीवरी के लिए सौदा किया गया था। पर 155 की ही डिलीवरी हुई। इस विवाद में उस वक्त इंग्लैंड में भारत के हाई कमिश्नर वीके मेनन को घेरा गया। लेकिन अनंतशयनम कमेटी की सिफरिशों के खिलाफ 1955 में सरकार ने केस बंद कर दिया। वीके मेनन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की सरकार में रक्षा मंत्री नियुक्त किए गए।

बोफोर्स कांड-1977

सन 1977 में स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स से भारतीय सेना को तोपों की सप्लाई करने का सौदा किया गया। इसमें स्वीडन की कंपनी बोफोर्स से रिश्वत लेने की बात सामने आई थी। इस कांड के बाद राजीव गांधी की 'मिस्टर क्लीन' की छवि को गहरा धक्का लगा था।कुल चार सौ बोफोर्स तोपों की खरीद का सौदा 1.3 अरब डालर का था। आरोप था कि स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारत के साथ सौदे के लिए 64 करोड़ की रिश्वत बांटी थी। इस घोटाले का खुलासा स्वीडन के रेडियो ने सबसे पहले 1987 में किया था। इस घोटाले के दाग खुद प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दामन पर भी लगे थे। अतावियो क्वात्रोची इस घोटाले का सबसे चर्चित नाम रहा। 2011 में कोर्ट ने सीबीआई को क्वात्रोची के खिलाफ केस वापस लेने की इजाजत दे दी।

बराक मिसाइल सौदा-2006

भारत ने इजराइल से बराक मिसाइल खरीदने की योजना बनाई। इस सौदे में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उस समय वैज्ञानिक सलाहकार एपीजे अब्दुल कलाम ने इसका विरोध किया था। फिर भी यह सौदा हुआ। इजराइल से 1150 करोड़ में 7 मिसाइले खरीदी गई थीं। इस मामले में सीबीआई ने 2006 में एफआईआर भी दर्ज की। जॉर्ज फर्नांडिज, बंगारू लक्ष्मण और जया जेटली जैसे बड़े-बड़े नेताओं पर डील फिक्स करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगा। सात साल जांच के बाद सबूत न होने पर केस बंद किया। सीबीआई का कहना था कि आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला।

अगस्ता वेस्टलैण्ड-2010

अगस्ता वेस्टलैण्ड हेलिकॉप्टर घोटाला भारत द्वारा अगस्ता वेस्टलैण्ड कम्पनी से खरीदे जा रहे हेलिकॉप्टरों से संबंधित है। 2013-14 में यह मामला सामने आया था, इसमें कई भारतीय राजनेताओं एवं सैन्य अधिकारियों पर अगस्ता वेस्टलैण्ड से मोटी घूस लेने का आरोप है। वीवीआईआई हेलिकॉप्टर सौदे में इटली की एक अदालत का फैसला आने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया था। यूपीए-1 सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद का सौदा हुआ था। यह सौदा 3,600 करोड़ रुपए का था। इसमें 360 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी की बात सामने आई, जिसके बाद यूपीए सरकार ने सौदा रद्द कर दिया था। इस मामले में एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था। वहीं अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे मामले के मुख्य बिचौलिये क्रिश्चयन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद से ही केंद्र सरकार और खुद पीएम मोदी इस डील में कांग्रेस के शामिल होने को लेकर कई बड़े खुलासे होने का दावा कर रहे हैं।

 

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