मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो के लिए पेड़ों को काटने का काम शुरू हो गया है। पेड़ कटाई शुरू होने के बाद प्रदर्शनकारी प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। लिहाजा विरोध कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसे लेकर सोशल मीडिया में भी बहस जारी है। कई फिल्मी हस्तियां, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता यहां पेड़ कटने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आए हैं।
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भी इस पर बयान दिया है। ठाकरे ने वादा किया कि जब वो सत्ता में आएंगे तो उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो पेड़ों की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं। ठाकरे ने कहा, 'आने वाली सरकार हमारी सरकार होगी और एक बार हमारी सरकार आ गई तो हम आरे के जंगलों के हत्यारों से सही तरीके से निपटेंगे।'
इससे पहले शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार को अगर आरे कॉलोनी के जंगल की चिंता नहीं है तो उन्हें पर्यावरण बचाने को लेकर भी नहीं बोलना चाहिए। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आरे कॉलोनी के लोगों के साथ हमारे शिवसैनिक खड़ें हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुबंई मेट्रो मुंबईवासियों को अपराधी की तरह क्यों देख रही है और उनकी मांग को क्यों नहीं सुन रही।
‘उन्होंने हमारी जीवनरेखा काट दी’
कांग्रेस नेता संजय झा ने ट्वीट किया, प्रिय मुंबईकर उन्होंने आरे के जंगल के पेड़ काट दिए हैं। उन्होंने हमारी जीवनरेखा काट दी है।
करण जौहर ने इसे बताया ‘नरसंहार’
फिल्म निर्माता करण जौहर ने इसे नरसंहार करार दिया है। करण ने ट्वीट किया, ये तो नरसंहार है! हम अपने सबसे बड़े दुश्मन हैं! इन्फ्रास्ट्रक्चर कभी भी प्रकृति से पहले नहीं हो सकता है! हमें रुक जाना चाहिए! #SaveAarey
वहीं मल्लिका शेरावत ने लिखा, जंगल हमारी जमीन के फेफड़े हैं, हवा को शुद्ध करते हैं और हमारे लोगों को नई ताकत देते हैं।
अभिनेत्री दिया मिर्जा ने ट्वीट किया, “रात के अंधेरे में 400 पेड़ काटे गए। बतौर नागरिक हम इस नरसंहार को रोकने की गुजारिश कर रहे हैं। क्या आप देख नहीं सकते वे प्यार से एकजुट हैं। प्रकृति के लिए प्यारष अपने बच्चों और भविष्य प्रति प्यार।”
फरहान अख्तर ने लिखा कि रात में पेड़ काटना बहुत दुखद है। ऐसा करने वाले लोग भी जानते हैं कि ये गलत है।
क्या है पूरा मामला?
मुंबई के आरे क्षेत्र में मेट्रो कार शेड का निर्माण होना है। इसके लिए आरे के जंगलों के 2,700 पेड़ काटे जाने है जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। मेट्रो के लिए पेड़ों की कटाई का मुंबई की सड़कों पर उतरकर लोग विरोध दर्ज करा रहे हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा आरे को जंगल ना मानने के फैसले के बाद 29 से ज्यादा एक्टिविस्टों को गिरफ्तार किया गया है। ये एक्टिविस्ट पेड़ों को कटने से बचाने की कोशिश कर रहे थे।