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बकरीद पर अॉनलाइन खरीदें कुर्बानी बकरा

अगर आपके पास कंप्यूटर या लैपटॉप है या आप स्मार्ट फोन रखते हैं तो आपको इस बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे खरीदने के लिए बकरा मंडियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। अब आप बकरा एक क्लिक के जरिए घर बैठे खरीद सकते हैं।
बकरीद पर अॉनलाइन खरीदें कुर्बानी बकरा

अब तक आपने ओएलएक्स और क्विकर जैसी साइटों पर फोन, गाड़ी, फर्नीचर आदि सामान खरीदा होगा। लेकिन अब आप कुछ साइट्स पर जाकर बकरे भी खरीद सकते हैं। इन साइट्स पर हर नस्ल और हर कीमत के बकरे मिल रहे हैं, जिनमें मेवाती, देसी, बरबरा, तोतापरी आदि बकरों की नस्लें शामिल हैं। इन साइटों पर छह हजार से पांच लाख रूपये तक के बकरे हैं। आप अपनी पसंद के बकरे खरीदने के लिए मालिक से फोन नंबर के जरिये संपर्क कर सकते हैं और मोलभाव भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि ईद-उल-अज़हा (बकरीद) पर मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की राह में बकरों और अन्य पशुओं की कुर्बानी देते हैं। इस बार यह त्यौहार 25 सितंबर को मनाया जाना है।

 

ओएलएक्स पर अपना बेकरा बेचने के लिए विज्ञापन पोस्ट करने वाले असद ने बताया कि वह अक्सर इन साइटों पर मोबाइल या बाइक आदि की बिक्री के विज्ञापनों देखते थे। इससे उन्हें अपने बकरे का विज्ञापन भी इन साइटों पर पोस्ट करने का विचार आया। दिल्ली विश्वविद्यालय में बीए द्वितीय वर्ष के छात्र असद ने कहा कि वह शौक के तौर पर बकरे पालते हैं और उन्होंने अपने बकरे का विज्ञापन पोस्ट कर दिया। उन्होंने अपने मेवाती बकरे की कीमत 15,000 रुपये रखी है। उनके विज्ञापन को खासी प्रतिक्रिया मिली और उन्हें कई फोन आए। लेकिन पैसों को लेकर बात नहीं बन सकी। वहीं एक अन्य व्यक्ति अब्दुल ने कहा कि ओएलएक्स और क्विकर पर कई बार विज्ञापन देखे थे। इसलिए अपने बकरे का भी विज्ञापन लगा दिया। उन्होंने कहा कि हम शौक के तौर पर बकरे पालते हैं और बेचते नहीं हैं लेकिन कुछ आर्थिक परेशानी की वजह से इसे बेच रहे हैं और घर बैठे ही इसके कई खरीदारों से बात हुई है। ओएलएक्स और क्विकर जैसी साइट्स पर कोई भी व्यक्ति अपने सामान का विज्ञापन मुफ्त में पोस्ट कर सकता है और सीधे खरीदार से बात कर सकता है।

 

दिल्ली की सबसे बड़ी बकरा मंडी, मीना बाजार के बकरा व्यापारियों को तो पहले यकीन नहीं हुआ कि ऑनलाइन भी बकरे मिल सकते हैं लेकिन जब उन्हें भरोसा हुआ तो उन्होंने कहा कि कंप्यूटर और मोबाइल पर फोटो देखकर बकरे नहीं खरीदे जा सकते हैं। रामपुर से आए बकरा व्यापारी मुजम्मिल ने कहा कि बकरे को फोटो देखकर नहीं खरीदा जा सकता है। खरीददार बकरे को देखकर उसकी जांच परख करता है कि उसके कितने दांत हैं। हर तरह से मुतमईन होने पर ही कोई खरीदार बकरा खरीदता है। यह काम फोटो देखकर नहीं हो सकता। हालांकि उन्होंने माना कि बकरों की इस तरह ऑनलाइन बिक्री से उनके कारोबार पर असर तो पड़ेगा ही। बकरा खरीदने के लिए पिछले कई दिनों से मंडी के चक्कर लगा रहे राहीम ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि बकरे ओएलएक्स और क्विकर पर मिल भी मिल रहे हैं। हम यहां भी बकरों को देखेंगे और ऑनलाइन भी। जहां सस्ता और अच्छा बकरा मिलेगा, वहीं से खरीदेंगे।

 

ईद उल अजहा, ईद उल फित्र (मीठी ईद) के दो महीने दस दिन बाद आती है और इसका चांद भी दस दिन पहले नजर आता है। दिल्ली समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में इस साल 25 सितंबर को बकरीद मनाई जाएगी। 

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