राम मंदिर के मुद्दे पर शांति से बैठ गए आरएसएस ने दिल्ली और आसपाल की रामलीला में वाल्मीकि के चित्र लगाने के लिए रामलीला कमेटियों से अपील की है। उनकी अपील से 280 रामलीलाओं में इस बार वाल्मीकि के चित्र लगाए थे। यह पहल इसलिए ताकि राम का जीवन चरित्र बताने वाले वाल्मीकि का जीवन चरित्र भी सामने आ पाए। यह बात आज दिल्ली में दिल्ली राज्य के महासचिव भारत भूषण और दिल्ली प्रांत के प्रचार प्रमुख राजीव तुली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य संघ की हैदराबाद बैठक के प्रस्तावों के साथ दिल्ली में चलाए जा रहे सामाजिक कार्यों को बताना भी था। हैदराबाद में मौजूदा एलडीएफ सरकार से संघ कार्यकर्ताओं के ऊपर हो रहे हमले रुकवाने थे। भारत भूषण का कहना था कि संघ के अलावा सीपीआई के कार्यकर्ताओं पर भी हमले हो रहे हैं जो चिंताजनक है, क्योंकि जो उनकी विचारधारा में यकीन नहीं करेगा उसे नुकसान पहुंचाया जाएगा।
राम मंदिर, दलितों के हमले के मुद्दे पर भारत भूषण ने लगभग बचते हुए कहा कि यह सामाजिक दायित्व है, हर जगह सरकार नहीं पहुंच सकती। सभी में समभाव हो इसके लिए हमें कोशिश करनी होगी। इस बदलाव के लिए संघ काम कर रहा है और पानी, मंदिर और श्मशान पर सबके लिए हों इनमें भेदभाव न हो इसके लिए काम किया जा रहा है।
राजनैतिक सवालों की बौछार वाली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सामाजिक संदेशों पर आरएसएस का ज्यादा जोर था। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि लोगों से नेत्र दान के फॉर्म भराए जा रहे हैं और इस बारे में जनचेतना लाई जा रही है। सन 2019 तक कार्निया की वजह से होने वाले अंधत्व को खत्म कर दिया जाएगा। वंचित वर्ग के लिए केंद्र की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। अगले 2 साल में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वालंबन जरूरतमंदों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।