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जेएनयू छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन की चेतावनी, परीक्षा में नहीं बैठे तो कर दिए जाएंगे बाहर

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के विरोध में छात्र संघ 12 दिसंबर से होने वाली परीक्षाओं का...
जेएनयू छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन की चेतावनी, परीक्षा में नहीं बैठे तो कर दिए जाएंगे बाहर

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि के विरोध में छात्र संघ 12 दिसंबर से होने वाली परीक्षाओं का बहिष्कार करने की योजना बना रहा है। जेएनयू के छात्र हॉस्टल फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं।  बहिष्कार करने वाले छात्रों को आगाह करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि परीक्षा में न बैठने वाले विवि के छात्र नहीं रहेंगे।

बहिष्कार किया तो छात्रों को बाहर करेगा विवि

जेएनयू ने इस मामले पर एक सर्क्यूलर जारी किया है। सर्क्यूलर में लिखा है कि छात्र टेस्ट दें, असाइनमेंट पूरे कर सेमेस्टर की परीक्षा में बैठें। यदि छात्र ऐसा नहीं करते हैं तो वे विश्वविद्यालय के छात्र होने का दर्जा खो देंगे। इस साल प्रशासन ने हॉस्टल और मैस फीस में वृद्धि की घोषणा की थी, जिसके बाद छात्र विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए थे।

17 केंद्र कर रहे हैं बहिष्कार

हॉस्टल शुल्क में प्रस्तावित बढ़ोतरी के खिलाफ महीने से विरोध कर रहे जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) का कहना है कि उनकी विश्वविद्यालय के विभिन्न केंद्रों से बात हुई है और कम से कम 17 केंद्रों ने सेमेस्टर परीक्षाओं के बहिष्कार के आह्वान का समर्थन किया है।

एम.फिल छात्रों के लिए 5 सीजीपीए अनिवार्य

छात्रों के आह्वान पर विश्वविद्यालय का कहना है कि यदि एम. फिल के छात्र सेकेंड सेमेस्टर के अंत में पाठ्यक्रम पूरा करने पर यदि पांच से कम सीजीपीए लाते हैं तो उनका नाम विश्वविद्यालय की सूची से हटा दिया जाएगा। स्कूलों / केंद्रों में एम.फिल, शोध प्रबंध / पीएचडी थीसिस जमा करने और आगे मूल्यांकन ब्रांच को भेजने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। सर्क्युलर में कहा गया है कि, “यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक कैलेंडर को अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है और इसका पालन करने की आवश्यकता है।”

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