प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उन लोगों पर जमकर बरसे जो वर्ल्ड बैंक की कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) रैकिंग में भारत की स्थिति सुधरने पर सवाल उठा रहे हैं। नई दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में इंडियाज बिजनेस रिफॉर्म्स पर बोलते हुए पीएम ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा पीएम हूं जिसने वर्ल्ड बैंक की बिल्डिंग भी नहीं देखी, जबकि पहले वर्ल्ड बैंक को चलाने वाले लोग यहां बैठा करते थे। कुछ लोगों को भारत की रैकिंग में सुधार होने की बात समझ नहीं आती। इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जो पहले वर्ल्ड बैंक में रह चुके हैं और अब इस रैकिंग पर सवाल उठा रहे हैं।
हाल ही में जारी इस रैकिंग में भारत 30 पायदान चढ़कर 130 से 100वें नंबर पर आ गया है। नोटबंदी और जीएसटी से कारोबारियों को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि इस रिपोर्ट का जमीन हकीकत से कोई वास्ता नहीं हैं। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग की प्रक्रिया 2004 में शुरू हुई थी। इसके बाद 2014 तक किसकी सरकार रही, यह सबको पता है। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि यदि कानून सुधार किए जाते तो इसका श्रेय आपको मिलता। देश के हालात बदलने को कुछ नहीं किया, लेकिन जो कर रहा है उससे सवाल पूछ रहे हैं।
उन्होंने कहा, मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण ही देश में कारोबार का माहौल बेहतर हो रहा है। तीन साल में देश की रैकिंग 42 पायदान का सुधार हुआ है। हमारी आलोचना करने वाले भी तेजी से हो रहे सुधार को पचा नहीं पा रहे हैं। जीएसटी की दिक्कतों को दूर किया है। जीएसटी जैसे टैक्स सुध्ााराें से ही स्थिति सुधरी है। देश की रैकिंग में सुधार के बाद भी सोने का मन नहीं करता है। हम भारत को नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी बनाना चाहते हैं।