जम्मू-कश्मीर के तीन फोटो पत्रकारों को इस वर्ष का प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार मिला है। ये हैं डार यासीन, मुख्तार खान और चन्नी आनंद। पिछले साल अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद लॉकडाउन के दौरान कश्मीर की कवरेज के लिए इन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। डार यासीन और मुख्तार खान श्रीनगर से हैं और चन्नी आनंद जम्मू के निवासी हैं। तीनों एसोसिएटेड प्रेस (एपी) न्यूज एजेंसी के लिए काम करते हैं। डार ने बताया कि एपी के न्यूयॉर्क ऑफिस की तरफ से तीनों की ग्रुप एंट्री की गई थी। हर साल पुलित्जर पुरस्कार पत्रकारिता, साहित्य और कला क्षेत्र की 21 श्रेणियों में दिए जाते हैं। पुरस्कार के रूप में सर्टिफिकेट के अलावा 15,000 डॉलर की नकद राशि भी दी जाती है।
यासीन ने आउटलुक को बताया, "मुझे कल रात पुरस्कार की घोषणा देखने को कहा गया था। मैं बस यूं ही देख रहा था...। यह काफी अप्रत्याशित था, यह एक बहुत बड़ा पुरस्कार है।” यासीन ने बताया कि उनकी पत्नी ने पुरस्कारों की घोषणा देखते हुए उनकी तस्वीरें लीं। एपी ने पत्नी द्वारा खींची गई तस्वीरों को भी प्रकाशित किया। यासीन ने हंसते हुए कहा, "मेरी पत्नी को एपी में पहली बार बाय-लाइन मिली।"
यासीन ने बताया, "यह बड़े सम्मान की बात है। हम कभी सोच भी नहीं सकते थे। लेकिन इन सबसे ऊपर, जो बात मुझे सबसे अधिक गर्व का अहसास दिलाती है, वह यह है कि सभी बाधाओं के बावजूद हम एपी और पुलित्जर फाउंडेशन के माध्यम से अपने दैनिक जीवन की कहानी को दिखाने में कामयाब रहे।"
श्रीनगर के पुराने शहर में 1973 में पैदा हुए यासीन ने बेंगलुरु में कंप्यूटर साइंस में स्नातक की पढ़ाई की है। उन्होंने कश्मीर में संघर्ष, दक्षिण एशिया भूकंप और उसके बाद के हालात और 2005 में नियंत्रण रेखा पर बस मार्ग के ऐतिहासिक उद्घाटन की व्यापक कवरेज की है।
पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर में सभी संचार सुविधाएं बंद कर दी थीं। ऐसे में तस्वीरें बाहर भेजना भी काफी मुश्किल काम था। यासीन ने बताया, हम तस्वीरे खींचने के बाद श्रीनगर एयरपोर्ट जाते थे। वहां किसी यात्री से फ्लैश ड्राइव में फोटो फाइल दिल्ली ले जाने का आग्रह करते थे। अजनबी लोगों को इसके लिए राजी करना बड़ा कठिन था। लेकिन इन कठिनाइयों के बावजूद हमने हिम्मत नहीं हारी।
राहुल ने दी बधाई, भाजपा ने की राहुल की आलोचना
फोटो पत्रकारों को पुरस्कार की घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों फोटो पत्रकारों को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा, आप पर हम सबको गर्व है। इस पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि जिन तस्वीरों के लिए पत्रकारों को पुरस्कृत किया गया है उनमें कश्मीर में भारत विरोधी सेंटिमेंट को दिखाया गया है। कश्मीरी नेताओं ने भी पुरस्कार के लिए इन पत्रकारों को बधाई दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों के लिए यह साल मुश्किल रहा और पिछले 30 साल को देखते हुए यह कह पाना आसान नहीं है। यासिन डार, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं।” पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी फोटो पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा, “अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद कश्मीर में उत्पन्न हुए मानवीय संकट को तस्वीरों में उतारने के लिए यासीन डार, मुख्तार खान को बधाई। कमाल है कि हमारे पत्रकारों को विदेश में सम्मान मिल रहा है जबकि अपने ही घर में निर्दयी कानून के तहत उन्हें दंडित किया जाता है।” उन्होंने यह ट्वीट अपनी मां महबूबा के अकाउंट से किया।
कश्मीरी मुस्लिम श्रीनगर में सूफी संत शेख सैयद अब्दुल कादिर जिलानी की दरगाह के बाहर प्रार्थना करते हुए/ एपी फोटो/ मुख्तार खान
श्रीनगर में डल झील के बीच कश्मीरी व्यक्ति बर्फ से ढके फुटब्रिज पर चलता हुआ/ एपी फोटो/ डार यासीन
6 साल की मुनीफा नजीर, जिसकी दाहिनी आंख पर मार्बल बॉल से चोट लगी थी। यह बॉल कथित रूप से अर्धसैनिक बल के एक जवान ने दागी थी/ एपी फोटो / मुख्तार खान
विरोध प्रदर्शन के दौरान एक नकाबपोश कश्मीरी प्रदर्शनकारी पुलिस वाहन के बोनट पर छलांग लगाते हुए/ एपी फोटो/ डार यासीन
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान जम्मू के पश्चिम में लगभग 35 किलोमीटर दूर अखनूर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास निगरानी करता हुआ/ एपी फोटो/ चन्नी आनंद
इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद की जन्मदिन पर शीशे के एक तरफ इबादत करते कश्मीरी मुसलमान और दूसरी तरफ सुरक्षाकर्मी/ एपी फोटो/ मुख्तार खान
श्रीनगर में 3 साल की लड़की से कथित बलात्कार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कॉलेज के बाहर खड़ी मोटरबाइक को तोड़ते पैरामिलिट्री बल/ एपी फोटो/ डार यासीन
श्रीनगर के दक्षिणी त्राल में एक घर का नष्ट हिस्सा/ एपी फोटो/ डार यासीन
श्रीनगर में रमजान के पहले दिन कुरान पढ़ती बच्चियां/ एपी फोटो/ मुख्तार खान
श्रीनगर के स्थानीय अस्पताल में एक बस दुर्घटना में घायल महिला को इलाज के लिए स्ट्रेचर पर ले जाते स्वास्थ्यकर्मी/ एपी फोटो/ डार यासीन
श्रीनगर में कर्फ्यू के दौरान सुनसान सड़क पर कटीले तार से की गई नाकाबंदी/ एपी फोटो/ डार यासीन
पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद एक इमारत में लगी आग/ एपी फोटो/ डार यासीन
श्रीनगर में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों के दौरान कश्मीरी मुस्लिम स्थानीय मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज अदा करते हुए और खड़ा अर्धसैनिक बल का एक जवान/ एपी फोटो/ मुख्तार खान