देश में महामारी की दूसरी लहर के बीच "टीका उत्सव" (वैक्सीन फेस्टिवल) का आयोजन किया जा रहा है। जो 11 - 14 अप्रैल तक चलेगा। इस उत्सव का लक्ष्य देश में अधिकतम लाभार्थियों का टीकाकरण करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को मुख्यमत्रियों के साथ हुई बैठक के दौरान इसपर विमर्श किया था।
हालांकि देखने वाली बात यह है कि यह वैक्सीन फेस्टिवल ऐसे समय पर आयोजित किया जा रहा है जब कई राज्य जैसे महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं।
हालही में महाराष्ट्र सरकार ने कई टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया। शुक्रवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने घोषणा की थी कि मुंबई में टीकाकरण केवल सरकारी और नागरिक केंद्रो में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा।
वहीं पंजाब में एक दिन में 85,000 से 90,000 लोगों का टीकाकरण हो रहा है जिसके अनुपात में राज्य के पास केवल पाँच दिनों की वैक्सीन रह जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि पुष्ट किए गए सप्लाई ऑर्डरों के हिसाब से अगली तिमाही के लिए राज्यों के साथ वैक्सीन की सप्लाई का कार्यक्रम साझा किया जाए। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने कोविड वैक्सीन की अगली सप्लाई जल्द भेजने की उम्मीद ज़ाहिर करते हुए कहा कि यदि राज्य एक दिन में 2 लाख टीकाकरण के निश्चित लक्ष्य को पूरा करता है तो इस हिसाब से वैक्सीन तीन दिन में ख़त्म हो जाएगी।
इस बीच उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे कई अन्य राज्य में वैक्सीनेशन के पात्र लोगों को खुद वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी "टीका उत्सव" के दौरान लोगों से बड़ी संख्या में टीकाकरण करने की अपील की है।
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत पहले ऐसे राष्ट्र है जहां 85 दिनों में 10 करोड़ डोज दे चुका है। अमेरिका में लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की 10 करोड़ डोज देने के लिए 89 दिनों का समय लिया गया। वहीं चीन को उसी संख्या को पार करने में 102 दिन लगे।
मुख्यमंत्रियों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में गुरुवार को कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण अभियान पर चर्चा की गई। जिसमें मोदी ने आग्रह किया कि उन सभी लोगों का टीकाकरण कराने पर ध्यान केंद्रित किया जाए जो 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं।
पीएम ने कहा था कि कई बार इससे माहौल बदलने में मदद मिलती है। ज्योतिबा फुले की जयंती 11 अप्रैल को है और 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती है। क्या हम "टीका उत्सव" का आयोजन कर सकते हैं और "टीका उत्सव" का माहौल बना सकते हैं?
उन्होंने कहा था कि विशेष अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक योग्य लाभार्थियों का टीकाकरण करना चाहिए और इसकी बर्बादी बिल्कुल नहीं हो इस पर विचार करना चाहिए। "टीका उत्सव" के दौरान अगर चार दिनों में बर्बादी नहीं होगी तो इससे हमारे टीकाकरण की क्षमता बढ़ेगी।
कई राज्यों में वैक्सीन के डोज की आपूर्ति में कमी का मुद्दा उठाया गया इस पर केंद्र ने कहा की सभी राज्यों को पर्याप्त संख्या में वैक्सीन दी गई है।