स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच सरोगेसी (विनियमन) विधेयक, 2016 को पेश किया।
संसद से विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद व्यावसायिक सरोगेसी पर पूरी तरह रोक लग जाएगी लेकिन जरूरतमंद निसंतान दंपतियों के लिए कड़े नियमों के तहत सरोगेसी से बच्चे के जन्म की अनुमति होगी।
विधेयक के तहत केवल भारतीय नागरिकों को ही सरोगेसी के तरीके का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। लेकिन विदेशियों, एनआरआई और पीआईओ को देश में सरोगेसी का लाभ उठाने की इजाजत नहीं होगी।
समलैंगिकों, अकेले माता-पिता और लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को सरोगेसी का अधिकार नहीं होगा। पहले ही संतान रखने वाले दंपतियों को सरोगेसी का लाभ उठाने की इजाजत नहीं होगी। हालांकि वे एक अलग कानून के तहत बच्चे को गोद लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।
भारत में सरोगेसी को लेकर कोई कानून नहीं होने की वजह से विभिन्न देशों के दंपति यहां सरोगेसी से बच्चे की चाह में आते रहे हैं।