भोपाल स्थित कारखाने में डिब्बों की साज-सज्जा भी बदली जा चुकी है और इसके लिए राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान की भी कुछ मदद ली गई है। इसके तहत जनरल और स्लीपर डिब्बों से लेकर एसी-1, एसी-2 और एसी-3 के डिब्बों की कायापलट कर दी गई है। नए सिरे से बर्थ और सीटों के डिजाइन से लेकर शौचालय का रूप भी पूरी तरह बदला नजर आएगा। इसके अलावा बैठने की जगह को भी अनुकूल बनाया गया है और ट्रेन की खूबसूरती और आकर्षण पर विशेष जोर दिया गया है। नए डिब्बों में सीढ़ियों और बर्थ को आरामदेह बनाया गया है। ऊपरी बर्थ के लिए भी नए डिजाइन की सीढ़ियां होंगी जबकि बोतल रखने वाली और खाना खाने वाली जगह आपकी सुविधा बढ़ाने के साथ ही नए आकर्षण में नजर आएंगी।
डिब्बों के शौचालय देखकर आपको झुंझलाहट नहीं होगी। नए डिब्बों के शौचालय इस तरीके से बनाए गए हैं कि इन्हें साफ करना और सूखा रखना आसान होगा। डिब्बों की लाइटिंग की भी खूबसूरत व्यवस्था की गई है। अब इनमें ट्यूबलाइट और बल्बों की जगह एलईडी रोशन होंगे।
डिब्बों की प्रस्तावित साज-सज्जा और रंगरोगन के लिए डिजाइनरों को खुली छूट दी गई है और इसमें एकरूपता खत्म करने की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे को एक विशेष रंगसज्जा के साथ पेश आने का निर्देश दिया था जो भारत की विशेषता ‘एक भारत एक रेलवे’ की तर्ज पर हो। डिब्बों की डिजाइनिंग के लिए चीन, जापान, स्पेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी तथा इंग्लैंड के डिजाइनरों तथा कोच निर्माताओं को आमंत्रित किया गया है। सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्रालय परीक्षण के लिए पूरी तरह से नए डिब्बों वाली एक ट्रेन चलाने पर विचार कर रहा है।