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दिल्ली की ट्रेन में पत्थरबाज बताकर शॉल बेचने वाले दो कश्मीरी युवकों से मारपीट, मामला दर्ज

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्ली में कश्मीरी युवकों के साथ...
दिल्ली की ट्रेन में पत्थरबाज बताकर शॉल बेचने वाले दो कश्मीरी युवकों से मारपीट, मामला दर्ज

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्ली में कश्मीरी युवकों के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। शॉल बेचने वाले दो कश्मीरी लोगों ने दावा किया है कि एक ट्रेन में कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी पिटाई की और उन्हें 'पत्थरबाज' भी कहा। इसके कारण उन्हें रोहतक जाने से पहले बीच में ही उतरना पड़ा। पुलिस अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी।

पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के एक काफिले पर हुए एक आत्मघाती हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद देश के कई हिस्सों में कुछ कश्मीरी लोगों द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने का दावा किया है और इन खबरों के बीच यह घटना सामने आई है।

इन कश्मीरी युवकों को 'पत्थरबाज' कहा गया

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस उपायुक्त (रेलवे) दिनेश गुप्ता ने बताया कि हरियाणा के सांपला जाने के लिए शॉल बेचने वाले तीन कश्मीरी युवक बुधवार को सुबह करीब 10.40 बजे सराय रोहिल्ला स्टेशन में एक लोकल ट्रेन के जनरल डिब्बे में सवार हुए। उन्होंने दावा किया कि उन्हें एक कोने में धकेल दिया गया और 'पत्थरबाज' कहा गया।

हमलावरों ने दोनों कश्मीरी शॉल बेचने वालों को गाली दी और थप्पड़ मारे

डीसीपी (रेलवे) ने कहा कि जब उन्होंने आपत्ति की तो आरोपियों ने दोनों कश्मीरी शॉल बेचने वालों को कथित तौर पर गाली दी और थप्पड़ मारे। हमलावरों ने कहा कि 'तुम वहां (कश्मीर में) पत्थर फेंकते हो और यहां रोजी-रोटी कमाने आते हो'। अन्य यात्री भी इसमें शामिल हो गए और हंगामा बढ़ गया। दिनेश गुप्ता ने बताया कि तीनों कश्मीरी नांगलोई स्टेशन पर उतर गए और दो लाख रुपये मूल्य के शॉल और सूटों से भरा अपना बैग ट्रेन में ही छोड़ गए। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है।

पिछले दस सालों से दिल्ली में व्यापार कर रहे हैं: कश्मीरी युवक

कश्मीरी युवकों ने बताया कि वे पिछले साल दिसंबर में दिल्ली आए थे और सराय रोहिल्ला में रह रहे हैं। वे पिछले दस सालों से यहां व्यापार करने के लिए आ रहे हैं। कश्मीरियों ने अपने स्थानीय विधायक के जरिये माकपा नेता वृंदा करात से संपर्क किया। वृंदा करात ने पुलिस के पास शिकायत दायर कराने में उनकी मदद की।

यह घटना तब हुई जब ट्रेन मंगोलपुरी पार कर रही थी

वृंदा करात ने कहा कि इन लोगों ने दावा किया कि हमलावरों ने उनसे कहा कि वे सशस्त्र बलों से हैं। उन्होंने कहा कि तुम ही लोग हो जिन्होंने हमारे लोगों को मारा है। उन्होंने दावा किया कि करीब 15-20 अन्य लोग भी उनके साथ शामिल हो गए और बेल्ट से कश्मीरी लोगों की पिटाई की। यह घटना तब हुई जब ट्रेन मंगोलपुरी पार कर रही थी। इनमें से एक कश्मीरी के सिर में गंभीर चोट आई और दूसरे के चेहरे पर जख्म के निशान हैं।

हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है: पुलिस

पुलिस ने बताया कि हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या वे सशस्त्र बलों से थे क्योंकि उन्होंनें सादे कपड़े पहन रखे थे।

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