केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर हो रही आवाजाही को रोकने के लिए कदम उठाएं। दरअसल, 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर ये श्रमिक अपने कार्यक्षेत्र से अपने गृहनगर की ओर रवाना हो रहे हैं।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए जारी एक एडवाइजरी में गृह मंत्रालय ने कहा कि उन्हें होटलों, कामकाजी महिला हॉस्टलों को आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि मौजूदा स्थिति में उन्हें पर्याप्त सुविधाएं मिल सके।
जारी की गई एडवाइजरी
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "गृह मंत्रालय ने प्रवासी कृषि मजदूरों, औद्योगिक श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामूहिक पलायन को रोकने के लिए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की है, ताकि COVID19 के प्रसार को रोका जा सके।" राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भी सलाह दी गई है कि वे इन कमजोर समूहों को सरकार द्वारा उठाए गए उपायों से अवगत कराएँ, जिसमें पीडीएस के माध्यम से मुफ्त अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं का प्रावधान है तथा वितरण प्रणाली को कारगर बनाना है।
पलायन रोकने में मिलेगी मदद
आगे प्रवक्ता ने कहा, "इससे ऐसे लोगों के पलायन को रोकने में मदद मिलेगी।" गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि होटल, किराए पर रहने की जगह, हॉस्टल इत्यादि, कार्यात्मक बने रहें और आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी को सुव्यवस्थित किया जाए, छात्रावासों, कामकाजी महिलाओं के हॉस्टलों आदि को सावधानी बरतते हुए जारी रखने की अनुमति मिले।
बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन ने देश भर में प्रवासी श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन को जन्म दिया है।