उत्तराखंड के चमोली ज़िले के तपोवन में आज छठे दिन भी बचाव अभियान जारी है। वहीं ऋषिगंगा के मुहाने पर झील बनने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ के हालात पैदा हो सकते हैं। ऋषि गंगा में आई बाढ़ के बाद से तपोवन की सुरंग में मलबे के बीच 35 लोग और एनपीटीसी के तीन वाहन भी फंसे हुए हैं। बाहरी प्रदेशों से तपोवन और रैणी में पहुंचे लापता लोगों के परिजन अभी भी सुरंग से अपनों के सुरक्षित बाहर निकल जाने का इंतजार कर रहे हैं।
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस के जवान लगातार बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। एनडीआरएफ कमांडेंट पीके तिवारी ने बताया है कि टीम लगातार शवों की तलाश कर रही है। नदी के किनारे शवों की तलाश के लिए एक टीम भी तैनात की गई है। बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियां चौबीस घंटे काम कर रही हैं।
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि अब तक 36 शव बरामद हुए हैं और 2 व्यक्ति जीवित मिले हैं। राज्य सरकार के अनुसार अब तक 36 शव बरामद किए जा चुके हैं और 204 लोग लापता हैं।
डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि संभावना है कि तपोवन क्षेत्र के पास रैणी गांव के ऊपर पानी जमा हो रहा है। कई हवाई सर्वे किए गए हैं। आज आठ सदस्यीय एसडीआरएफ टीम को स्थिति का आकलन करने के लिए भेजा गया है। आकलन के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि रैणी गांव के ऊपरी इलाके में झील बनने की सूचना पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है। आज, हम एक छोटी सुरंग में प्रवेश करने का प्रयास करेंगे, जो मौजूदा सुरंग से 12 मीटर नीचे है। वहां कुल लोगों के होने की संभावना है।