हामिद अंसारी ने कहा कि पिछले छह वर्षो में शिक्षा का अधिकार अधिनयम ने आशाजनक वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के कामकाज के एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन से स्पष्ट होता है कि गुणवत्ता पर खरी उतरने वाली शिक्षा प्रदान की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद बच्चों के विद्यालयों से बाहर जाने की संख्या अधिक है और शिक्षा के क्षेत्र में इक्विटी का अभाव है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक त्रिकोण के तीन पहलुओं में मात्रा, गुणवत्ता और समानता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा सहित राज्य के सामाजिक क्षेत्र के प्रमुख कार्यक्रमों में वित्त पोषण में कमी विशेष रूप से चिंता का विषय है। पिछले छह वर्षों में शिक्षा के अधिकार के संचालन में प्राप्त अनुभव से इस अधिनियम के कार्यान्वयन में होने वाली कमियों को सुधारते हुए अधिक गंभीरता के साथ निगरानी किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए बच्चों के संबंध में विभागों और संगठनों के बीच उत्साहपूर्ण भागीदारी होनी चाहिए। इनमें ग्रामीण गरीबी उन्मूलन में वृद्धि और राज्य सरकारों द्वारा उपयुक्त रूप से पंचायती राज संस्थानों को अपनाने को सुनिश्चित करना शामिल है