कानपुर में एक सप्ताह पहले हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की आज मौत हो गई है। शुक्रवार की सुबह ठीक लगभग एक हफ्ते बाद पुलिस एनकाउंटर में उसे मार गिराया गया है। इससे पहले उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद ये सवाल उठने शुरू हो गए थे कि विकास दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया या उसने खुद सरेंडर किया? इस बीच अब यूपी एसटीएफ की ओर से प्रेस नोट जारी किया गया है।
एसटीएफ ने बताया कि रास्ते में गाय-भैसों का झुंड सामने आ गया। ड्राइवर ने मवेशियों को बचाने के लिए अचानक गाड़ी मोड़ दी, जिससे वह पलट गई। इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, सब इंस्पेक्टर पंकज सिंह, अनूप सिंह और सिपाही सत्यवीर और प्रदीप को चोटें आईं और वे बेहोशी की हालत में पहुंच गए। इस दौरान विकास ने इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीन ली और कच्चे रास्ते पर भागने लगा।
पीछे से दूसरे वाहन से आ रहे एसटीएफ के डीएसपी तेजबहादुर सिंह पलटी गाड़ी के पास पहुंचे तो उन्हें विकास के भागने की खबर मिली। उन्होंने और साथी पुलिसवालों ने उसका पीछा किया तो विकास फायर करने लगा। उसे जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन वह फायर करता रहा। जवाबी फायर में विकास घायल हो गया। उसे तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनकाउंटर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गाड़ी पलटने के बाद विकास ने भागने की कोशिश की। हमने विकास से सरेंडर के लिए कहा, लेकिन उसने फायरिंग कर दी। पुलिस को बचाव में गोली चलानी पड़ी। फिलहाल, हमें उसकी गैंग के 12 वॉन्टेड अपराधियों की तलाश है।