श्रीनगर के कुछ हिस्सों, उत्तरी कश्मीर के कुछ इलाकों और दक्षिणी कश्मीर के चार जिलों में लोगों के आवागमन पर शनिवार सुबह लगाए गए प्रतिबंध आज भी लागू रहे। अधिकारियों ने कहा कि घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं। इस बीच, अलगाववादी समूहों द्वारा आहूत हड़ताल से घाटी में जनजीवन भी प्रभावित हुआ। अलगाववादी समूहों ने घाटी में हाल में हुई हिंसा के बाद हड़ताल की अवधि शुक्रवार तक के लिए कल बढ़ा दी।
अधिकारियों ने कहा कि दुकान, निजी कार्यालय, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद रहे और सरकारी कार्यालयों एवं बैंकों में बहुत कम लोगों की उपस्थिति देखी गई। उन्होंने कहा कि लगातार छठे दिन सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि उन इलाकों में निजी कारें और आॅटो रिक्शा चलते दिखाई दिए, जहां प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं। गर्मी की छुट्टियों के कारण घाटी में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, कश्मीर विश्वविद्यालय, इस्लामिक यूनिवर्सिटी आफ साइंसेज एंड टेक्नोलाजी और जम्मू एंड कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजर परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
हड़ताल एवं प्रतिबंधों के कारण घाटी में विवाह समारोह बड़े पैमाने पर रद्द करने पड़े हैं। कई लोग केवल अपने बहुत निकट संबंधियों एवं मित्रों की मौजूदगी में और पारंपरिक दावत के बिना बहुत सादा तरीके से विवाह समारोह आयोजित कर रहे हैं। घाटी के समाचार पत्र विवाह समारोह रद्द किए जाने की घोषणा करने वाले वर्गीकृत विज्ञापनों से भरे रहते हैं। अलगाववादी समूहों ने वानी के मारे जाने के बाद से चौथी बार हड़ताल की अवधि बढ़ाई है। इससे पहले, उन्होंने वानी की मौत के विरोध में आठ जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल का आवान किया था। इसके बाद कथित रूप से सुरक्षा बलों की गोलीबारी में नागरिकों की मौत के विरोध में हड़ताल की अवधि दो और दिन बढाई गई। हड़ताल की अवधि सोमवार को फिर से बढ़ाई गई और इसके बाद कल अलगाववादियों ने लोगों से दो और दिन यानी शुक्रवार तक हड़ताल करने को कहा।
सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक समेत अलगाववादी नेताओं ने श्रीनगर के ख्वाजा बाजार इलाके में कब्रिस्तान की ओर मार्च करके कल प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की। दोनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें बाद में हिरासत से रिहा करके नजरबंद कर दिया गया। एजेंसी