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ट्रैक्टर रैली में हिंसा: सवालों के घेरे में ये तीन चेहरे

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर राजनीति गर्म है।...
ट्रैक्टर रैली में हिंसा: सवालों के घेरे में ये तीन चेहरे

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली में हिंसा को लेकर राजनीति गर्म है। वहीं अब कई नाम सामने आ रहे हैं जिन पर आंदोलन भड़काने के आरोप लग रहे हैं। दीप सिद्धू, लक्खा सिधाना और सरवन सिंह पंधेर ये वो नाम है जिन पर किसानों को भड़काने के आरोप लगाए जा रहे हैं।

दीप सिद्धू

किसान नेताओं ने दीप सिद्धू पर किसानों को भड़काने और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है। हालांकि  दीप सिद्धू ने फेसबुक पर आकर कहा है 'हमने प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत निशान साहिब का झंडा लाल किले पर फहराया मगर भारतीय झंडे को नहीं हटाया गया।'

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लालकिले पर प्रदर्शनकारियों द्वारा एक धार्मिक झंडा फहराये जाने को लेकर व्यापक आक्रोश के बीच घटना के दौरान मौजूद व्यक्तियों में शामिल अभिनेता दीप सिद्धू ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कहते हुए बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया। सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किये गए एक वीडियो में कहा कि उन्हें कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है।

सिद्धू ने कहा, ‘‘नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से अपना विरोध दर्ज कराने के लिए, हमने ‘निशान साहिब’ और किसान झंडा लगाया और साथ ही किसान मजदूर एकता का नारा भी लगाया।’’ उन्होंने 'निशान साहिब' की ओर इशारा करते हुए कहा कि झंडा देश की ‘‘विविधता में एकता’’ का प्रतिनिधित्व करता है। 'निशान साहिब' सिख धर्म का एक प्रतीक है जो सभी गुरुद्वारा परिसरों पर लगा देखा जाता है। उन्होंने कहा कि लालकिले पर ध्वज-स्तंभ से राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया गया और किसी ने भी देश की एकता और अखंडता पर सवाल नहीं उठाया।

पिछले कई महीनों से किसान आंदोलन से जुड़े सिद्धू ने कहा कि जब लोगों के वास्तविक अधिकारों को नजरअंदाज किया जाता है तो इस तरह के एक जन आंदोलन में ‘‘गुस्सा भड़क उठता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज की स्थिति में, वह गुस्सा भड़क गया।’’ कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे नेताओं में से एक स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने सिद्धू को शुरू से ही अपने प्रदर्शन से दूर कर दिया था।

दीप सिद्धू का जन्म 1984 में पंजाब के मुक्तसर जिले में हुआ, फिर उन्होंने आगे कानून की पढ़ाई की। किंगफिशर मॉडल हंट अवार्ड जीतने से पहले वह कुछ दिन बार के सदस्य भी रहे। वर्ष 2015 में दीप सिद्धू की पहली पंजाबी फिल्म 'रमता जोगी' रिलीज हुई। हालांकि उन्हें  साल 2018 में आई फिल्म जोरा दास नुम्बरिया से शोहरत मिली, जिसमें उन्होंने गैंगेस्टर का रोल निभाया है। गौरतलब है कि साल 2019 में एक्टर सनी देओल ने जब गुरुदासपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो अपने चुनाव कैंपेन की टीम में दीप सिद्धू को भी रखा था। हालांकि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद सनी देओल ने एक ट्वीट करते हुए कहा है 'मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है।'

लक्खा सिधाना

आरोप है कि इस हिंसा को भड़काने में लक्खा सिधाना की भी अहम भूमिका रही है। ये किसान आंदोलन के दौरान काफी एक्टिव थे। पंजाब के भटिंडा  में रहने वाले लक्खा सिधाना पर कई केस चल रहे हैं। इसके साथ ही उनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। जिसमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे गंभीर मामले भी जुड़े है। कई मामलों में उनकी गिरफ्तारी भी हो चुके हैं। इन पर आर्म्स एक्ट का भी केस चल रहा है। लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है। वह कबड्डी के अच्छे खिलाड़ी भी हैं। जानकारी है कि लंबे समय से गैंगस्टर लक्खा अपनी छवि बदलने में लगा हुआ है, जिसके लिए वह खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताता है। यही कारण है कि पंजाब में अंग्रेजी साइन बोर्ड के विरोध में उसकी भी गिरफ्तारी हो चुकी है।  इतना ही नहीं चुनाव के दौरान वह पंजाब में मनप्रीत बादल द्वारा बनाई गई पार्टी में मैदान में उतरा था।

सरवन सिंह पंधेर

सरवन सिंह पंधेर किसान मज़दूर संघर्ष समिति के जनरल सचिव हैं। इनके संगठन ने पुलिस के साथ तय रुट के बाहर मार्च किया। बता दें कि ट्रैक्टर रैली के रूट को लेकर किसान संगठनों में एक राय नहीं थी। सिंघु बॉर्डर पर किसानों का रूट पर ऐतराज जताया , किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि तय रूट पर ही मार्च निकालेंगे। बीकेयू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि पुलिस के साथ मीटिंग के मुताबिक ही कल 11 बजे किसानों की ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। जबकि ट्रैक्टर रैली  की रूट को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने विरोध दर्ज कराया था उनका कहना है कि वह पुलिस के रूट मैप से सहमत नहीं हैं। पहले से तय रूट पर परेड निकलेगी। हालांकि हिंसा को लेकर पंधेर ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हमारा कार्यक्रम दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर था वहां पर जाकर हम लोग वापस आ गए। हमारा न तो लाल किले का कार्यक्रम था, न ही झंडा फहराने का था। जिन लोगों ने ये काम किया हम उनकी निंदा करते हैं। जिसने भी ये काम किया वो दोषी है। उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू की फोटो पीएम के साथ भी आ रही है। हमें इन पर शक है। अब दीप सिद्धू जी किधर से लाल किले के पास गए और कहां से वापस आए। जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें चिंहित किया जाएगा। ये सब किसान मज़दूर को बदनाम करने के लिए किया गया है।

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