11,400 करोड़ रुपये के कथित पीएनबी घोटाले में सीबीआई ने कई बड़ी गिरफ्तारियों को अंजाम दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई ने मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच के पूर्व जनरल मैनेजर राजेश जिंदल को गिरफ्तार किया है। राजेश जिंदल अप्रैल 2009 से मई 2011 तक ब्रांच प्रमुख थे। बता दें कि इसी ब्रांच से इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया था।
इससे पहले सीबीआई ने घोटाले की जांच के सिलसिले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी की फाइव स्टार डायमंड कंपनी के चीफ फाइनेंस ऑफिसर (सीएफओ) विपुल अंबानी को गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों को इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी मानी जा रही है। जबकि मामले के दो मुख्य आरोपी नीरव मोदी तथा मेहुल चोकसी देश छोड़ कर जा चुके हैं।
इसके अलावा सीबीआई ने चार अन्य वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया। अंबानी को कार्यपालक सहायक कविता मानकीकर और वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी अर्जुन पाटिल के साथ, सीबीआई द्वारा दर्ज पहली प्राथमिकी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया। इसके मुताबिक, 6,498 करोड़ रुपये मूल्य के 150 ‘लैटर्स ऑफ अंडरटेकिंग’ (एलओयू) की जांच की जा रही है। एलओयू वह गारंटी होता है जो जारीकर्ता बैंक उन भारतीय बैंकों को आवेदक को अल्पकालिक कर्ज देने के लिए देता है जिनकी विदेशों में शाखाएं हैं।
वहीं कपिल खंडेलवाल और नितेन शाही को सीबीआई ने दूसरी अफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया। दूसरी प्राथमिकी जांच एजेंसी ने 15 फरवरी को चोकसी और उसकी तीन कंपनियों के खिलाफ दायर की थी। ये जांच 4,886 करोड़ रुपये के 143 एलओयू पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों द्वारा फर्जी तरीके से जारी किए जाने को लेकर की जा रही है।