झारखंड के प्रभारी पुलिस महानिदेशक पद से हटाए गए भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी एमवी राव ऐच्छिक सेवा निवृत्ति (वीआरएस) लेने जा रहे हैं। अचानक पुलिस महकमे में यह खबर तेजी से फैल रही है। चर्चा है कि प्रभारी पुलिस महानिदेशक पद से हटाने से आहत एमवी राव सोमवार को वीआरएस का आवेदन दे सकते हैं। शनि और रविवार को अवकाश रहता है इसलिए सोमवार को वीआरएस का औपचारिक आवेदन देंगे। पुलिस महानिदेशक के प्रभार से मुक्त होने के बाद वह वापस महा समादेष्टा होमगार्ड एवं अग्निशमन सेवाएं के पद पर रह गए हैं।
यह खबर तब फैली जब एमवी राव ने अपने ट्विटर हैंडल से सारे पदनाम हटा लिए। बताया जाता है कि वह अब खेतीबारी में अपना ध्यान केंद्रित करेंगे। एमवी राव के अनुसार अब वह सुकून से जीवन बिताना चाहते हैं। वीआरएस के बाद खेती करेंगे। हालांकि शुक्रवार को प्रभार सौंपने के बाद वह पुलिस मुख्यालय से निकले और अग्निशमन वाले अपने कार्यालय आए।
हेमंत सरकार ने भाजपा के रघुवर सरकार में तैनात तत्कालीन पुलिस महानिदेशक कमल नयन चौबे को हटाकर 16 मार्च 2020 को एमवी राव को झारखंड के पुलिस महानिदेशक का प्रभार सौंपा था। यूपीएससी के पैनल में इनका नाम शामिल नहीं होने के कारण चाहने के बावजूद इन्हें पूर्णकालिक डीजीपी नहीं बनाया जा सका। गुरुवार की रात एमवी राव को हटाकर 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी नीरज सिन्हा को पुलिस महानिदेशक बनाया गया।
नीरज सिन्हा ने शुक्रवार को एमवी राव से पदभार भी ग्रहण कर लिया। पदभार सौंपने के बाद ही उन्होंने अपने ट्विटर से एकाउंट से सभी पदनाम हटा लिए। डीजीपी के पद से मुक्त किए जाने के बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि ऐसे तमाम लोगों का आभारी हूं जिन्होंने डीजीपी के रूप में कर्तव्य निर्वहन के दौरान सतर्क किया, बेहतर करने के लिए आलोचना की, मेरे काम की सराहना की। आभारी उनका भी हूं जिन्होंने मुझे मजबूत बनाने के लिए जहर उगले। मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला के दौरान आयरन हैंड और नक्सलियों के खिलाफ तीखे बयान को लेकर भी चर्चा में रहे।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    