तीन कृषि कानूनों के भारी विरोध के बाद आखिरकार मोदी सरकार ने इसे निरस्त करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने यह ऐलान किया है। साथ ही किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील भी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज वे सभी को बताना चाहते हैं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून बिल को वापस लेगी और आगामी संसद सत्र में इस बारे में जरूरी प्रक्रिया पूरी का जाएगी।
पीएम ने कहा, " आज मैं आपको और पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है। मैं सभी आंदोलन किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ़ लौटें।"
उन्होंने कहा, "मैंने अपने 5 दशक के सार्वजनिक जीवन में किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है। जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।"
पीएम ने कहा कि देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया।सरकार ने अच्छी गुणवत्ता के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, स्वायल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा।
पीएम ने अपनी सरकार के कामकाज गिनाते हुए कहा, "हमने एमएसपी बढ़ाई और रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए। हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कदम उठाए। हमने ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचा को मजबूत किया।"
उन्होंने कहा कि आपदा के समय ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को आसानी से मुआवज़ा मिल सकें इसके लिए पूराने नियम बदले हैं। बीते 4 सालों में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का मुआवज़ा हमारे किसानों को मिला है।
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से किसान लामबंद हैं।