पश्चिम बंगाल में सोमवार को सीबीआई ने नारद घोटाले में शामिल होने के आरोप में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के चार वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार किया है। इनमें मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और शोभन चटर्जी शामिल हैं। सोमवार को सुबह सीबीआई ने पहले इनके घरों पर छापेमारी की और इसके बाद उन्हें अपने साथ दफ्तर ले गई। अब इस कार्रवाई पर टीएमसी की ओर से कुछ सवाल उठाए गए हैं।
टीएमसी ने पूछा है कि नारद स्टिंग मामले में केवल उसके नेताओं पर ही कार्रवाई क्यों हो रही है? टीएमसी से बीजेपी में गए मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। वहीं टीएमसी नेता डोला सेन ने इस एक्शन को बदले की भावना से प्रेरित बताया है। असल में स्टिंग आपरेशन इस समय भाजपा में मौजूद शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय पर भी क्रमश : 5 लाख और 15 लाख रुपये लेने के आरोप लगे थे। इसी वजह से अब टीएमसी सवाल पूछ रही है कि सीबीआई उन पर एक्शन क्यों नहीं कर रही है। स्टिंग आपरेशन के समय ये दोनों टीएमसी का हिस्सा थे।
आजतक के मुताबिक टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि सीबीआई ने बिना स्पीकर की इजाजत के विधायक और मंत्रियों को गिरफ्तार किया है। ऐसे में कोई भी कानून का पालन नहीं कर रहा है। यह बदले की भावना के चलते किया गया है। दूसरी ओर इस पर पलटवार करते हुए बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने इस कार्रवाई के पीछे कानून का हवाला दिया है। उनका कहना है कि जो भी कार्रवाई की जा रही है, वो अदालत के आदेश पर की जा रही है।
नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसी स्टिंग टेप मामले में अपना चार्जशीट दाखिल करने वाली है।
टीएमसी के इन चारों नेताओं को सोमवार सुबह कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई दफ्तर ले जाया गया। इन नेताओं की गिरफ्तारी की खबरें आने के फौरन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने नेताओं के साथ सीबीआई कार्यालय पहुंच गई।
हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के विरुद्ध मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था। गौरतलब है कि 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे। धनखड़ ने चारों नेताओं के विरुद्ध मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।